
दौसा। दौसा शहर चिड़ी को बासो, अन्न घणो पाणी को प्यासो’ यानि दौसा में अनाज तो खूब है, लेकिन पानी की कमी है। यह कहावत सालों से दौसा शहर में चर्चित है तथा चरितार्थ भी है। गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही दौसा शहर के निवासियों में पेयजल संकट की चिंता छा गई है। बीते कुछ दिन से ये हाल हो गए हैं कि करीब 144 घंटे में मात्र 40 मिनट पानी मिल रहा है। कई बार तो अंतराल 168 घंटे तक हो गया है। दौसावासियों को ईसरदा से पानी लाने का भरोसा दिया जा रहा है, लेकिन बड़ा सवाल है कि पेयजल परियोजना को पूरी होने में अभी कई माह लगेंगे। इस बीच पेयजल का इंतजाम कैसे होगा। गर्मियों के सीजन को देखते हुए कारगर समाधान ढूंढने की जरूरत है।
सवा लाख की आबादी के लिए करीब 1 करोड़ 25 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की आवश्यकता है। इसके लिए जलदाय विभाग के पास अधिकतम 35 लाख लीटर पानी उपलब्ध है। इसके बावजूद शहर में 6-7 दिन में एक बार पानी की सप्लाई होती है। इसमें से 18 से 20 लाख लीटर पानी बीसलपुर परियोजना से सप्लाई हो रहा है। 11 लाख लीटर पानी की सप्लाई बाणगंगा-होदायली में लगे नलकूपों से होती है। ऐसे में जलसंकट बना रहता है।
शहर में जलदाय विभाग की पेयजल व्यवस्था के भरोसे लोगों का काम नहीं चल रहा। पानी भी मीठा नहीं आता है। ऐसे में अपने खर्चे पर टैंकर एवं कैम्परों से पानी खरीदकर प्यास बुझाई जा रही है।
शहर में दशकों पुरानी पाइप लाइन में होकर ही पानी की सप्लाई हो रही है। यह लाइन कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रही है। ऐसे में सप्लाई के वक्त पानी रिसता है। इसके अलावा बीसलपुर लाइन से कई जगह पानी की छीजत होती है। पूरा पानी दौसा तक आकर नहीं पहुंचता। इन दिनों शहर में नई पाइप लाइन डालने का काम चल रहा है, जिसके कारण कई जगह पुरानी लाइन भी तोड़ दी गई है। शनिवार रात फलसे वाले बालाजी के समीप पेयजल लाइन टूटने से सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह गया।
शहर में पेयजल सप्लाई का समय भी निर्धारित नहीं है। जिस दिन पानी आने की बारी होती है, उस दिन पल-पल नल पर महिलाओं की निगाहें जमा रहती हैं। अगर कोई चूक गया तो फिर गई पांच-छह दिन की। वहीं जलदाय विभाग ने करीब 180 टैंकर पानी सप्लाई के लिए लगाए हैं, लेकिन यह जनसंख्या के हिसाब से बहुत कम हैं।
बीसलपुर से बीते कुछ दिन से पानी कम मिल रहा है। रविवार को भी मुश्किल से पांच लाख लीटर पानी आया है। ऐसे में सप्लाई समय छह दिन पहुंच गया है। बीसलपुर से नियमित निर्धारित 25 लाख लीटर पानी मिले तो अंतराल घट सकता है। टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 180 कर दी है। लीकेज होने पर तत्काल मरम्मत कराई जा रही है। बाणगंगा से पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए टीम जुटी हुई है।
-देशराज बैरवा, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग दौसा
Updated on:
21 Apr 2025 02:52 pm
Published on:
21 Apr 2025 02:51 pm
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