
नगर निगम हरिद्वार भूमि घोटाला प्रकरण में सीएम सख्त
यह घोटाला हरिद्वार नगर निगम द्वारा 35 बीघा कृषि भूमि की खरीद से जुड़ा है। CM धामी के इस एक्शन में निलंबित अधिकारियों में कई वरिष्ठ आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
यह 35 बीघा कृषि भूमि शहर के बाहरी इलाके में है जहां पहले से ही कूड़े का डंपिंग जोन मौजूद है। आरोप है कि इस भूमि की तत्काल कोई आवश्यकता नहीं थी और इसकी उपयोगिता भी स्पष्ट नहीं थी। इसके बावजूद नगर निगम ने इसे ऊंचे दामों पर खरीद लिया।
मामले की जांच के दौरान सामने आया कि भूमि का सर्किल रेट उस समय लगभग 6,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, जिसके अनुसार इसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये होनी चाहिए थी। लेकिन इसे 54 करोड़ रुपये में खरीदा गया जो कि सामान्य मूल्य से भी तीन गुना अधिक है। इस लेन-देन में टेंडर प्रक्रिया का भी पालन भी नहीं किया गया, जो स्पष्ट रूप से सरकारी खरीद नियमों का उल्लंघन है।
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की। हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इनके अतिरिक्त वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगो राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक समेत कुल 12 अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई से स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने इतने वरिष्ठ अधिकारियों पर एक साथ इतनी कड़ी कार्रवाई की है। इस पूरे प्रकरण ने प्रदेश के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और यह उम्मीद की जा रही है कि इस तरह की सख्ती आगे भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगी।
Updated on:
03 Jun 2025 12:58 pm
Published on:
03 Jun 2025 12:56 pm
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