20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हार नहीं मानी…दो नाकामियों के बाद उत्तराखंड के दीपेंद्र ने CDS में पाई 48वीं रैंक

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के टेड़ाघाट गांव के दीपेंद्र सिंह धामी ने UPSC की प्रतिष्ठित CDS परीक्षा में 48वीं रैंक हासिल की है। जानिए उनकी सफलता की कहानी और संघर्ष का सफर

less than 1 minute read
Google source verification
dehradun, CDS exam

उत्तराखंड के दीपेंद्र ने सीडीएस परीक्षा में हासिल की 48वीं रैंक। PC: IANS

उत्तराखंड के दीपेंद्र सिंह धामी ने सीडीएस की परीक्षा पास कर प्रदेश और क्षेत्र का नाम रोशन किया। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के तहत आयोजित होने वाली देश की प्रतिष्ठित सीडीएस (कॉमन डिफेंस सर्विस) परीक्षा में दीपेंद्र सिंह धामी ने 48वीं रैंक हासिल की।

सफलता का श्रेय परिवार को दिया

दीपेंद्र की सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है, बधाई देने के लिए घर पर लोगों की भीड़ लगी है। दीपेंद्र ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि एग्जाम ठीक गया था और यह पता था कि पास कर लूंगा, लेकिन इतनी अच्‍छी रैंकिंग की उम्‍मीद नहीं थी। उन्‍होंने युवाओं से अपील की है कि वह अपने लक्ष्‍य की तरफ बढ़ते रहें। अगर युवा अपना गोल बनाकर पढ़ाई करेंगे तो प्राप्ति जरूर होगी। उन्‍होंने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया।

बहन कर रही सिविल परीक्षा की तैयारी

दीपेंद्र मूलरूप से उधम सिंह नगर जिले के खटीमा तहसील क्षेत्र स्थित टेड़ाघाट गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता राम सिंह धामी उत्तराखंड क्रांति दल उधम सिंह नगर जनपद के जिलाध्यक्ष हैं और उनकी माता प्रेमावती धामी गृहिणी हैं। दीपेंद्र की बड़ी बहन कनिका धामी सिविल परीक्षा की तैयारी कर रही है। उन्‍होंने चारुबेटा के स्प्रिंग फील्ड पब्लिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्‍त की। वर्तमान में वह खटीमा महाविद्यालय में एमए राजनीतिक शास्त्र के स्टूडेंट हैं।

छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं दीपेंद्र

आपको बता दें कि खटीमा का यह प्रतिभाशाली छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहा है। दीपेंद्र छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य हैं और महाविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष के लिए भी तैयारी कर रहे थे। चुनाव निरस्त होने से सपना पूरा नहीं हो पाया। दीपेंद्र इससे पहले दो बार सीडीएस की परीक्षा में अलग-अलग चरणों में असफल रहे।