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सपा नेता एसटी हसन के एक बयान पर भड़के महंत रविंद्र पुरी, बोले-उचित होगा जांच कराई जाए

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एस.टी. हसन ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दुकानदार की पैंट उतारकर धर्म की पहचान करने की घटना की तुलना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुई आतंकवादी घटना से की है। उनके बयान पर जमकर हंगामा हो रहा है।

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Ravindrapuri

सपा नेता एसटी हसन के एक बयान पर भड़के महंत रविंद्र पुरी।(ians photo)

साधु-संतों ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एस.टी. हसन के बयान पर गहरा रोष व्यक्त किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने उनके बयान को शर्मनाक बताया है। रविंद्र पुरी ने कहा, “जिस तरह की भाषा एस.टी. हसन बोल रहे हैं, मुझे लगता है कि वह खुद उग्रवादी हैं। इसीलिए इसकी जांच होनी चाहिए।“ उन्होंने कहा कि जब लोग खाने में थूक रहे थे, तब सपा नेता ने कुछ नहीं कहा। वह खुद "उग्रवादी" हो सकते हैं, इसलिए उन्होंने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया।

अखिलेश यादव पर महंत रविंद्र पुरी का तंज

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह सनातन के खिलाफ हो गए हैं। साल 2027 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार निश्चित है। उनके साथ न तो ब्राह्मण हैं, न यादव। उनके साथ बस उनका परिवार है।कांवड़ यात्रा पर उन्होंने कहा कि हर साल सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा पर आने वाले भक्तों के लिए उचित व्यवस्था की जाती है। इस बार भी सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर पूरी तरह से तैयार है। कांवड़ के दौरान लाखों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार आते हैं और यहां से गंगाजल लेकर अपने घर के पास के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के लोगों को कांवड़ यात्रियों की सेवा करनी चाहिए।

जानें क्या है पूरा विवाद

सपा नेता एस.टी. हसन ने मुजफ्फरनगर में दुकानदार की पैंट उतारकर पहचान करने के मामले में कहा था कि क्या आम नागरिकों को अधिकार है कि वह किसी दुकानदार की पैंट उतरवाकर चेक करें?

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सपा नेता ने कहा, "कांवड़ रूट को लेकर सरकार का आदेश है कि नेम प्लेट लगाई जाए, मैं सरकार के इस निर्णय से सहमत भी हूं। इस्लाम कभी यह नहीं सिखाता है कि आप अपनी पहचान छिपाकर कारोबार करें। हालांकि, ऐसे फैसलों को लागू करने का काम प्रशासन का होता है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आम नागरिकों को अधिकार है कि वह किसी दुकानदार की पैंट उतरवाकर चेक कर सकते हैं? क्या पहलगाम में आतंकियों ने पैंट नहीं उतरवाई थी? ऐसा करने वाले और पहलगाम के आतंकवादियों में क्या अंतर रह गया? मैंने जो बात कही है, उसमें क्या गलत है? क्या ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जो इस तरह की हरकतें कर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं?"

सोर्स: IANS