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देवभूमि में बादल मचा रहे तांड़व, 24 घंटे में इन इलाकों में भयंकर बारिश की संभावना

Uttarakhand Weather Report: भारी बारिश के चलते चारों धामों तक जाने वाले रास्ते बाधित हुए है। हालांकि सरकार ( Uttarakhand Government ) का कहना हैै कि चारधाम यात्रा ( Char Dham Yatra ) रोकी नहीं गई है। साथ ही संभल कर चारों धामों जाने को कहा गया है...

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Uttarakhand Weather Report

देवभूमि में बादल मचा रहे तांडव, 24 घंटे में इन इलाकों में भयंकर बारिश की संभावना

(देहरादून): उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश से पर्वतीय जनपदों का हाल काफी बुरा है। आज बादल आफत बनकर बरसे। अतिवृष्टि की वजह से राज्य के अलग-अलग इलाकों में छह लोगों की मौत हो गई। इसी बीच प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को संभल कर आगे बढ़ने की सलाह दी गई है।

यहां मौत बनकर बरसे बादल

तेज बहाव में व्यक्ति बह गया है, चमोली में बादल फटने से 6 की मौत। IMAGE CREDIT:

अतिवृष्टि की वजह से चमोली जनपद के बांगजबगड़, आली और लाखी में करीब 6 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 75 से ज्यादा पशुओं की मौत हुई है जिसमें सर्वाधिक बकरियां और बैल शामिल हैं। करीब एक दर्जन भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। चमोली जनपद के तीनों इलाके जहां अतिवृष्टि हुई है वह एक दूसरे से सटे हुए हैं। मृतकों में रूपा देवी (35), कुमारी चंदा (9 माह), कुमारी नौरती (8), कुमारी अंजली (8) और अजय लाल (23) शामिल हैं। आपदा प्रबंधन के मुताबिक करीब 9 लोगों के दबे होने की आशंका भी है। लेकिन बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य नहीं हो पा रहा है। एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मलबे के नीचे फंसे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।


मौसम विभाग का अलर्ट

इधर मौसम विभाग ( Meteorological Department ) ने आगामी 24 घंटे में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भयंकर बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए हर तरह की मुसीबत से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।

केदरानाथ जाने से परहेज करें

इसके अलावा आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र ने पर्यटकों को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सैरसपाटा नहीं करने की सलाह दी है। पर्यटकों से कहा गया है कि चारधाम यात्रा विशेषकर केदारनाथ ( Kedarnath Yatra ) में जाने से परहेज करें। केदारनाथ पैदल मार्ग अब भी बाधित है। हालांकि सरकार ( Uttarakhand government ) का कहना हैै कि चारधाम यात्रा ( Char Dham Yatra ) रोकी नहीं गई है। लेकिन भूस्खलन वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर तीर्थयात्रियों को तीन चार घंटे के लिए ही रोका जा रहा है। आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशासी निदेशक डा.पीयूष रौतेला के मुताबिक सभी संवेदनशील जनपदों और डेंजर मार्गों पर नजर रखी जा रही है।

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