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देवरिया हत्याकांड: भाई बना ‘विभीषण’, सत्यप्रकाश दुबे का करा दिया ‘लंका’ दहन !

देवरिया के सत्यप्रकाश दुबे तीन भाई थे। बड़े भाई ओम प्रकाश दुबे की शादी नहीं हुई थी। उसकी पहले ही मौत हो चुकी। छोटा भाई ज्ञान प्रकाश दुबे साथ में रहता था, उसकी भी शादी नहीं हुई थी।

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सत्य प्रकाश दुबे और ज्ञान प्रकाश दुबे के बीच विवाद हुआ। ज्ञान प्रकाश दुबे अपने भाई का साथ छोड़ दिया। उसने जमीन का बंटवारा करने के बाद घर छोड़ दिया। ज्ञान प्रकाश के हिस्से में 9 बीघा जमीन आई। इसके बाद ज्ञान प्रकाश दुबे प्रधान परिवार के घर रहने लगा। बाद में प्रेमंचद यादव के घर में रहने लगा। सत्यप्रकाश दुबे और ज्ञान प्रकाश दुबे दोनों भाइयों के बीच दुश्मनी बढ़ने लगी।

2014 में ज्ञान प्रकाश ने अपनी जमीन प्रेमचंद यादव के नाम कर दिया
इसके बाद साल 2014 में साधु ने अपने हिस्से की पूरी जमनी प्रेमचंद यादव के नाम कर दी। प्रेमचंद ने दाखिल खारिज करा लिया। इसके बाद खेती करने लगा। इसके बाद 2016 में सत्य प्रकाश दुबे ने कहा कि मेरे छोटे भाई की समझ कम है। बहला-फुसलाकर जमीन लिखवा ली गई। पंचायत हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। सत्य प्रकाश कोर्ट गए। राजस्व टीम ने खेत की पैमाइश की गई। जमीन पर प्रेम यादव खेती करते रहे।

सत्य प्रकाश के कुल 6 बच्चे थे
सत्य प्रकाश के कुल 6 बच्चे थे। 3 बेटे और 3 बेटियां। एक बेटी की शादी उन्होंने तीन साल पहले देवरिया शहर में की थी। वह अपने ससुराल में रहती है। बाकी बच्चे लेहड़ा गांव में ही रहते थे। 2 अक्टूबर को बीच वाले बेटे गांधी का जन्मदिन था। उसने अपने बड़े भाई देवेश से कहा कि भइया मेरे पास कुछ नहीं है। देवेश ने कहा, "भाई तुम्हारे लिए कथा में जा रहा हूं, वहां जो मिलेगा, उससे तुम्हें जो खरीदना होगा खरीद लेना।" इतना कहकर वह कथा के लिए चला गया।