
एक ही मुकदमे में SDM ने सुनाया दो अलग - अलग आदेश, अब हाईकोर्ट का यह आदेश
जिले के तत्कालीन एसडीएम सदर द्वारा एक ही मामले में दो विपरीत आदेश करने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व से कहा है कि कलेक्टर देवरिया से रिपोर्ट प्राप्त कर एक उच्चस्तरीय जांच गठित करें और इसे एक निश्चित समयावधि में पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने देवरिया के शिव नारायण तिवारी की याचिका पर दी है।
एक आदेश में वाद खारिज किया, दूसरे आदेश में स्वीकार किया
जनपद निवासी शिव नारायण तिवारी ने राजस्व रिकॉर्ड के इंद्राज में संशोधन का वाद एसडीएम सदर न्यायालय में दाखिल किया था। इस पर एसडीएम ने 17 अगस्त 2023 को दो आदेश किए। एक आदेश में उन्होंने वाद खारिज कर दिया जबकि दूसरे आदेश में वाद को स्वीकार कर लिया और इंद्राज में संशोधन का आदेश दे दिया था। इन दोनों आदेशों को बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के आरसीएमएस पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया गया। बाद में इनमें से एक आदेश को पोर्टल से डिलीट कर दिया।
कोर्ट ने मांगा राज्य सरकार से हिसाब
कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से बताया गया कि एक ही तारीख पर एक दो आदेश हुए थे। जिनमें से एक आदेश, जिसपर हस्ताक्षर नहीं था वह गलती से पोर्टल पर अपलोड हो गया। जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। इस मामले में एसडीएम कार्यालय के रीडर चंद्रभान चौरसिया और राजस्व अलहमद हरेंद्र पाल के खिलाफ जांच एडीएम वित्त को सौंपी गई है।
हाईकोर्ट का आदेश, SDM की विस्तृत जांच हो
कोर्ट ने कहा कि जिन दो कर्मचारियों के खिलाफ़ जांच बैठाई गई है, न्यायायिक या अर्ध न्यायायिक आदेश करने में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। आदेश जारी करने के दोषी एसडीएम योगेश कुमार गौड़ के खिलाफ़ कोई जांच नहीं गठित की गई है। आदेश को देखने से स्पष्ट है कि इस मामले में एसडीएम के खिलाफ विस्तृत जांच की आवश्यकता है। सिर्फ दो कर्मचारियों की जॉच करना पर्याप्त नहीं है।
जांच कमेटी की रिपोर्ट से न्यायालय को अवगत कराएं
इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर देवरिया को आदेश दिया कि एसडीएम सदर को तलब कर लिखित रूप से उनका पक्ष जानें और एसडीएम से रिपोर्ट लेकर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करें तथा उसे प्रमुख सचिव राजस्व को प्रेषित करें। कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व को निर्देश दिया है कि कलेक्टर से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद उच्च स्तरीय जॉच गठित करें और जांच कमेटी की रिपोर्ट से इस न्यायालय को अगली सुनवाई पर अवगत कराएं।
Published on:
10 Jan 2024 10:15 am
बड़ी खबरें
View Allदेवरिया
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
