
फोटो सोर्स: पत्रिका, पुलिस कांफ्रेंस में दी गई जानकारी
देवरिया में पुलिस की सक्रियता से एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय कॉल को लोकल कॉल में बदलकर करोड़ों रुपये के अवैध लाभ कमाने का काम करता था। पुलिस टीम ने मौके से बड़ी मात्रा में सिमबॉक्स मशीनें, सैकड़ों सिम कार्ड, राउटर, एण्टीना, लैपटॉप और बैंक दस्तावेज़ बरामद करते हुए एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।
यह नेटवर्क लंबे समय से विदेशी कॉल्स को VOIP के माध्यम से भारतीय कॉल में कन्वर्ट कर दूरसंचार कंपनियों और सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचा रहा था। पुलिस का कहना है कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला है, इसलिए जांच कई स्तरों पर की जाएगी।
पुलिस ने बुधवार की रात में कोतवाली क्षेत्र के रामगुलाम टोला में सिमबॉक्स के जरिए अवैध कॉल ट्रैफिक संचालन की सूचना मिली। सूचना मिलते ही साइबर थाने की टीम, SOG और BSNL के टेक्निकल विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। मौके पर अभियुक्त तेज नारायण सिंह को गिरफ्तार किया गया, जो मुहल्ले में किराए का कमरा लेकर अपना सारा सेटअप चला रहा था।5
पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले मॉरीशस में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। वहीं उसकी मुलाकात दो बांग्लादेशियों आदिल अहमद और समीर से हुई। दोनों विदेशी नागरिक VOIP तकनीक के जरिए कॉल बाईपासिंग का अवैध धंधा करते थे। तेज नारायण इनसे ही यह काम सीख कर भारत लौट आया और अवैध काम करना शुरू कर दिया। इस प्रक्रिया में लाखों रुपये का अवैध लेन-देन होता था, जिसमें बड़ी रकम विदेशी खातों से भारतीय संदिग्ध खातों में भेजी जाती थी।
जालसाजी करने वाले युवक के घर से छह सिमबॉक्स मशीनें,219 बीएसएनएल सिम कार्ड,43 बड़े एण्टीना,169 छोटे एण्टीना,छह वाई-फाई राउटर, एक जियो राउटर, एक एयरटेल राउटर, नेट स्टार ईथरनेट स्विच, सात सिमबॉक्स एडॉप्टर, आठ राउटर एडॉप्टर, अनेक LAN और USB केबल, तीन मोबाइल फोन के साथ ही। एचडीएफसी और एसबीआई की पासबुकें , चेकबुकें, 11 एटीएम कार्ड, संदिग्ध बैंक खातों के लेनदेन का रिकॉर्ड, अन्य सामान, डेल और तोशिबा कंपनी के दो लैपटॉप अभियुक्त का आधार कार्ड मिला।
सिमबॉक्स तकनीक दूरसंचार कंपनियों से कॉल राउटिंग सिस्टम को बाईपास कर देती है। विदेश से आने वाली कॉल सीधे VOIP सर्वर तक पहुँचती है, वहाँ से इंटरनेट के जरिए देवरिया स्थित सिमबॉक्स तक भेजी जाती है, जहाँ भारतीय सिमों के जरिए वह कॉल स्थानीय नंबर के रूप में रिसीवर तक पहुँचती है। इससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान होता था। दूरसंचार कंपनियों को इंटरकनेक्शन शुल्क का नुकसान, अपराधियों को हर कॉल पर मोटा पैसा, कॉल ट्रेस न होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा, भारत में ऐसे अपराधों को गंभीर साइबर अपराध की श्रेणी में है।
Updated on:
05 Dec 2025 01:25 pm
Published on:
04 Dec 2025 07:33 pm
बड़ी खबरें
View Allदेवरिया
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
