
देवास. मध्यप्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। ऐसा ही दिल को झकझोर देने वाला एक मामला देवास में सामने आया है जहां कोरोना ने एक कैंसर पीड़ित बहन से उसके एकलौते सहारे भाई को छीन लिया। अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर सीएम शिवराज से भी मदद की गुहार लगाई थी। इतना ही नहीं वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए थे और युवक को इंजेक्शन लगवाया था लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। वायरल वीडियो में युवक ने इंजेक्शन की कालाबाजारी के भी आरोप लगाए थे।
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कोरोना ने छीना कैंसर पीड़त बहन का एकलौता सहारा
उज्जैन जिले के नागदा के रहने वाले अनिल साहनी को बीते दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद देवास के अमलतास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अनिल साहनी के माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है और उनकी 20 वर्षीय बहन कैंसर पीड़ित है। कैंसर पीड़ित के डायलिसिस होते हैं और उसकी पूरी जिम्मेदारी अनिल के ही ऊपर थी। लेकिन कोरोना के कहर ने कैंसर पीड़ित बहन से उसका एकलौता सहारा भी छीन लिया और उसे अनाथ कर दिया।
वीडियो के जरिए 'मामा' शिवराज से लगाई थी गुहार
शनिवार को अस्पताल में इलाजरत कोरोना संक्रमित अनिल साहनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में अनिल रोते हुए सीएम शिवराज से मदद की गुहार लगा रहा था। वीडियो में रोते हुए अनिल कह रहा था कि मामा मैं आपका भांजा अनिल साहनी अमलतास अस्पताल के आईसीयू में छह दिन से भर्ती हूं। जिंदगी और मौत से जूझ रहा हूं। मेरे माता-पिता नहीं है। मेरी 20 साल की बहन है जिसे ब्लड कैंसर है। उस बच्ची की मां और पिता मैं ही हूं। लगातार मेरी हालत बिगड़ती जा रही है। इससे बुरा और क्या होगा कि मेरे लिए आए रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी और को बेच दिए जाएं। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा हूं। कोई ध्यान देने वाला नहीं है। मेरा आखिरी सहारा आप ही हो, प्लीज मेरी मदद कीजिए मामाजी। कम से कम मेरी बहन को फिर से अनाथ होने से बचा लीजिए।
अनिल की मौत से खड़े हो रहे सवाल
बता दें कि अनिल साहनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसकी आवाज प्रशासन तक पहुंची थी और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने उसके इलाज में मदद की थी। उसे इंजेक्शन भी लगवाए गए थे लेकिन उसकी जिंदगी नहीं बचाई जा सकी। अनिल ने वीडियो में रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी और बेचे जाने के आरोप लगाए थे और अब उसकी मौत के बाद इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अलग इंजेक्शन की कालाबाजारी नहीं होती और अनिल को पहले ही इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जातीं तो शायद उसकी जान बच सकती थी और उसकी कैंसर पीड़ित बहन अनाथ नहीं होती।
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Published on:
02 May 2021 05:59 pm
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