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टिकट मिलते ही देर शाम मंदिरों में दर्शन किए, कार्यकर्ताओं के साथ की चर्चा, लोगों से मिले बघेल

हाटपीपल्या: 8 बजे क्षेत्र में निकल गए थे राजवीर, कैलोद में निकल रही चुनरी यात्रा में थे तब मिली Ticket मिलने की खबर...

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बघेल ने टोंकखुर्द पहुंचकर सोनकच्छ प्रत्याशी वर्मा से मुलाकात की।

हाटपीपल्या विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व विधायक स्वर्गीय राजेंद्रसिंह बघेल के पुत्र राजवीरसिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया है। बघेल दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। इससे पूर्व 2020 में हुए उपचुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। अब दोबारा कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया। रविवार को प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले ही सुबह 8 बजे राजवीर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर निकल गए थे। सुबह 9.10 बजे जब सूचना मिली तब वे क्षेत्र के कैलोद में निकल रही चुनरी यात्रा में शामिल थे। जैसे ही सूचना मिली तो कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। इस दौरान चुनरी यात्रा में राजवीर भी थिरकते नजर आए। उल्लेखनीय है कि कैलोद हाटपीपल्या विधायक व भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी का गृहनगर है।

टोंकखुर्द पहुंचे, वर्मा से मिले

इसके बाद राजवीर टोंकखुर्द पहुंचे। यहां सोनकच्छ से प्रत्याशी बनाए गए सज्जनसिंह वर्मा से मिले और उनका स्वागत किया। कलश यात्रा में भी शामिल हुए। दोपहर में सोनकच्छ स्थित निवास पर पहुंचे। यहां इष्टदेव की पूजा-अर्चना कर माताजी का आशीर्वाद लिया। पिताजी की तस्वीर पर प्रणाम करने के बाद कार्यकर्ताओं से मिले। यहां परिजनों व कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। कुछ देर रुकने के बाद पुन: विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। शाम को हाटपीपल्या पहुंचकर हनुमान मंदिर, नृसिंह मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दर्शन किए व कार्यकर्ताओं से मिले। जगह-जगह कार्यकर्ताओं व लोगों ने स्वागत किया।

राजनीतिक कॅरियर

राजवीर के पिता राजेंद्रसिंह बघेल हाटपीपल्या से तीन बार विधायक रहे। स्वयं राजवीर तीन बार सोनकच्छ नगर पंचायत अध्यक्ष व एक बार उपाध्यक्ष रहे चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस महासचिव के पद पर रह चुके हैं। 2020 के उपचुनाव में हाटपीपल्या से कांग्रेस प्रत्याशी थे।

टिकट क्यों?

पिता स्वर्गीय बघेल की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के करीबी व मजबूत दावेदार। वरिष्ठ नेता सज्जनसिंह वर्मा का सहयोग मिला।

किस गुट से- दिग्विजयसिंह गुट से

मैदान में पांच चुनौतियां

- गुटबाजी नहीं है, लेकिन दूसरे दावेदारों को साधना होगा।

- पिछले पांच साल में विपक्षी प्रत्याशी तीसरी बार चुनावी मैदान में है। ऐसे में रणनीति बनाकर चुनाव मैदान में उतरना होगा।

- जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर सभी समाजों काे साधना होगा।

- भाजपा प्रत्याशी खाती समाज से है। यहां खाती समाज का बड़ा वोट बैंक है। उसमें सेंध लगाना चुनौतीपूर्ण होगा।

- कम समय में पूरे क्षेत्र के लोगों तक पहुंचना भी चुनौती है।

इनका कहना है...

* हाटपीपल्या विधानसभा व हमारे परिवार का 40 साल से रिश्ता है। जनता की मूलभूत समस्याओं का निदान किया जाएगा। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।
-राजवीरसिंह बघेल, कांग्रेस प्रत्याशी

* कांग्रेस प्रत्याशी का चुनावी मैदान में स्वागत है। हम पूरी दमदारी से चुनाव लड़ेंगे और भारी मतों से जीत दर्ज करेंगे।

-मनोज चौधरी, भाजपा प्रत्याशी

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