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सरकार ने बढ़ाई पंजीकरण की आखिरी तारीख, किसान अब 31 अक्टूबर तक करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

Farmer Registration 2025: सरकार ने एग्रीस्टेक पोर्टल पर धान बिक्री के लिए पंजीकरण की तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है। अब किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए आसानी से पंजीकरण करा सकते हैं।

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31 अक्टूबर तक करा सकते हैं पंजीकरण (Photo source- Patrika)

31 अक्टूबर तक करा सकते हैं पंजीकरण (Photo source- Patrika)

Farmer Registration 2025: सरकार ने एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीकरण की तारीख बढ़ा दी है। अब किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 31 अक्टूबर तक पंजीकरण करा सकते हैं। पहले पंजीकरण की आखिरी तारीख 30 सितंबर थी। इसके बाद किसानों को पंजीकरण कराने में दिक्कत आ रही थी। कई किसान संगठनों ने सरकार से तारीख बढ़ाने की मांग की थी। पंजीकरण न होने के कारण सरकार ने पंजीकरण की तारीख भी बढ़ा दी है। अब तक एग्रीस्टेक पोर्टल पर 1 लाख 17 हजार 539 किसान पंजीकरण करा चुके हैं।

पिछले साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 1,28,344 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 1,03,237 किसानों का पंजीकरण आगे बढ़ाया गया है। सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एग्रीस्टैक पोर्टल कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम है। इसका उद्देश्य किसानों के लिए एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है, जिसमें उनकी पहचान, भूमि, आय, ऋण, फसल और बीमा का विवरण शामिल हो।

एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण के बाद, किसानों को एक विशिष्ट पहचान पत्र (आईडी) मिलता है। इस पहचान पत्र के माध्यम से किसान सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने में कोई परेशानी न हो। सरकार ने 2025 के खरीफ सीजन में 300 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है। अक्टूबर तक ऋण वितरण शुरू हो जाएगा। अब तक कुल 265 करोड़ 90 लाख 95 हजार रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इसमें 200 करोड़ 30 लाख 83 हजार रुपये नकद और 65 करोड़ 60 लाख 12 हजार रुपये सामग्री शामिल है।

Farmer Registration 2025: पिछले साल 29 सितंबर 2024 तक 66,160 किसानों ने 260 करोड़ 21 लाख 60 हजार रुपये का ऋण लिया था। इस साल 265 करोड़ 90 लाख 95 हजार रुपये का ऋण लिया गया है। इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में किसानों ने 5 करोड़ रुपये अधिक का ऋण लिया है। किसानों ने अधिक ऋण लेने के कारणों के रूप में महंगी दवाओं और बढ़ती खेती की लागत का हवाला दिया है। नगरी शाखा के किसान ऋण लेने में सबसे आगे हैं। इस शाखा में 12,516 किसानों ने कुल 36 करोड़ 1 लाख 71 हजार रुपए का ऋण लिया है।