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लड़के को विधवा महिला से हुआ प्यार, समाज की परवाह छोड़ 2 बच्चों सहित थामा उसका हाथ

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक लड़के ने विधवा (Widow) महिला से शादी कर उसके 2 बच्चों को भी अपनाया।

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लड़के को विधवा महिला से हुआ प्यार, समाज की परवाह छोड़ 2 बच्चों सहित थामा उसका हाथ

धमतरी. विधवा महिलाओं (Widow Women) को समाज अक्सर ठुकरा देता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के एक लड़के ने विधवा का हाथ थामा। पूरे समाज के सामने उसे अपनाया। सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि उसके 2 मासूम बच्चों को भी।धमतरी के नागेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार को पहली बार विधवा विवाह संपन्न (Widow Marriage) हुआ, जिसमें भागवत निर्मलकर ने मेनका समेत उनके बच्चों को अपनाकर समाज के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की।

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बता दें कि सांगली निवासी मेनका की शादी 2002 में देवेन्द्र निर्मलकर के साथ हुई थी। दोनों का दाम्पत्य जीवन सुखमय तरीके से बीत रहा था। इसी बीच 2014 में एक सडक़ दुर्घटना में देवेन्द्र की मौत हो गई। पति की मौत के बाद मेनका अपने दो बच्चों के साथ किसी तरह जीवन यापन कर रही थी। इस दरम्यान इसकी जानकारी रांवा निवासी भागवत (33) को हुई। लड़के को महिला से प्यार हो गया। उसने महिला से शादी करने का मना बना लिया। फिर उन्होंने परिजनों और समाजजनों के बीच मेनका से शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

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फिर क्या था, घर में हल्दी समेत अन्य रस्मों का निर्वहन किया गया। इसके बाद रिसाईपारा स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर में पिता दशरथ निर्मलकर, मामा नंदकुमार निर्मलकर, भाई सरोज समेत अन्य परिजनों की उपस्थिति में पंडित अजय दुबे ने रीति-रिवाज के साथ उनकी शादी कराई। मौके पर लडक़ी के दादा किशन निर्मलकर, विरेन्द्र निर्मलकर, सोनू निर्मलकर, मिथलेश निर्मलकर फगनी निर्मलकर, भागीरथी निर्मलकर, सखन निर्मलकर, इंदल निर्मलकर समेत वर-वधु पक्ष के परिजन बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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समाजसेवी पार्वती वाधवानी, नामदेव राय ने बताया कि मेनका के अपने पूर्व पति से एक लडक़ी और एक लडक़ा है, जिसे भागवत ने सहर्ष स्वीकार किया है। उन्होंने आगे बताया कि अब तक इस मंदिर में 60 जोड़ों का विवाह (Widow Marriage) रीति-रिवाज के साथ कराया गया है।

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