
Chhattisgarh News: 1 मार्च से परीक्षा का सीजन शुरू हो जाएगा। पहले चरण में 10वीं-12वीं और कालेज की परीक्षाएं होंगी। इन परीक्षाओं में नकल रोकने टीमों का गठन किया जा रहा। नकल के मामले में कालेज के परीक्षार्थी पहले नंबर पर है। पिछले पांच वर्षों में पीजी कालेज में ही 107 नकल प्रकरण बने। 10वीं-12वीं में पिछले पांच वर्षों में एक भी नकल केस नहीं आया है। यूनिवर्सिटी से जारी निर्देश के बाद अब कालेज की परीक्षा 5 मार्च से शुरू हो रही है। इसके लिए प्रवेश पत्र का भी वितरण किया जा रहा है। इस साल परीक्षा ऑफलाइन होगी। परीक्षार्थी कालेज में बैठकर परीक्षा दिलाएंगे। इसके लिए बैठक व्यवस्था बनाने का काम जारी है। पिछले पांच सालों में बीसीएस पीजी कालेज में नकल के 107 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इस साल नकल प्रकरण पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विशेष तैयारी की गई है।
प्रदेश स्तर पर फ्लाइंग स्क्वायड के अलावा स्थानीय स्तर पर भी टीम गठित की गई है। पीजी कालेज में सीसी टीवी कैमरे से भी परीक्षार्थियों पर नजर रखी जाएगी।
नकल करने 34 पन्ने लेकर बैठा था छात्र
पीजी कालेज से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष-2022-23 की परीक्षा में पीजी कालेज में एक छात्र मोबाइल लेकर बैठा था। इसकी पुष्टि होने पर मोबाइल को जब्त किया गया। इसी तरह वर्ष-2017-18 में बीएससी का एक प्राइवेट छात्र बॉटनी के पेपर में 34 पृष्ठों के नकल सामाग्रियों के साथ पकड़ा गया था। इसके पूर्व भी छात्रों को नवबोध, परीक्षा सार रखकर नकल करते पकड़ा गया था। सभी नकल प्रकरणों में प्रतिवेदन बनाकर यूनिवर्सिटी को भेजा गया था। सभी प्रकरणों में संबंधित परीक्षार्थी को यूनिवर्सिटी की ओर से पत्र प्रेषित किया गया। साथ ही रिजल्ट को भी रोका गया था। अंतत: उन्हें उस विषय में सेप्लीमेंट्री दिया गया। ज्यादातर नकल करने वाले प्राइवेट परीक्षार्थी होते हैं।
पीजी कॉलेज में नकल प्रकरण
वर्ष - प्रकरण
2015 - 10
2016 - 27
2017 - 10
2018 - 13
2019 - 13
2023 - 34
कुल 107
बोर्ड परीक्षार्थियों में डर इसलिए नकल नहीं
इधर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 1 व 2 मार्च से शुरू हो रही है। समन्वयक संस्था गर्ल्स स्कूल से सभी 85 केन्द्राध्यक्षों को प्रश्न पत्र सहित गोपनीय सामाग्रियों का वितरण कर दिया गया है। 10वीं में 10 हजार 549 और 12वीं में 8 हजार 56 छात्र-छात्राएं परीक्षा दिलाएंगे। अच्छी बात यह है कि कालेज की अपेक्षा बोर्ड परीक्षा में पिछले पांच साल में एक भी नकल प्रकरण सामने नहीं आया है। शांति पूर्ण ढंग से परीक्षा संपन्न कराने के लिए इस साल जिला और ब्लाक स्तर पर कुल 22 उड़नदस्ता टीम का गठन किया गया है। पांच साल पूर्व 12वीं में नकल का 1 प्रकरण बना था। इसमें माशिमं ने समिति गठित कर सर्टिफिकेट रोक दी। बाद में संबंधित छात्र को सप्लीमेंट्री घोषित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड परीक्षार्थियों में रिजल्ट रोकने सहित नकल का दाग लगने को लेकर जागरूकता आई है।
कालेज में नकल प्रकरण बनने पर प्रतिवेदन बनाकर इसकी जानकारी यूनिवर्सिटी को भेज दी जाती है। यूनिवर्सिटी में गठित समिति ही नकल करने वाले छात्र पर क्या एक्शन लेना है, यह तय करती है। प्रोफेसर कोमल प्रसाद यादव, परीक्षा प्रभारी पीजी कालेज
Published on:
28 Feb 2024 06:00 pm
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