6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पटवारियों ने ऑनलाइन काम किया बंद! नामांतरण, बटांकन के काम रूके, जानें क्या है वजह..

CG Online Document: धमतरी जिले में राजस्व पटवारी संघ ने संसाधन की कमी को लेकर 16 दिसंबर से प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है।

2 min read
Google source verification
cg news

CG Online Document: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में राजस्व पटवारी संघ ने संसाधन की कमी को लेकर 16 दिसंबर से प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है। शासकीय व्हाट्सएप से भी प्रदेश भर के पटवारी लेफ्ट हो गए हैं। इससे राजस्व संबंधी ऑनलाइन काम प्रभावित हो गया है।

जिले के सभी तहसील और उप तहसीलों में नामांतरण, बंटाकन, त्रुटि सुधार सहित अन्य को मिलाकर करीब 7 हजार से राजस्व प्रकरण पेंडिंग हैं। फाइल कम्प्लीट होने के बाद पटवारियों ऑनलाइन एंट्री नहीं होने से लोगों को भटकना पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें: Cyber Crime: ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ शिक्षक, कम टाइम में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में गवाएं 29,00,000 रुपए

CG Online Work: कई कार्य हो रहे हैं प्रभावित

पटवारी संघ के उपाध्यक्ष देवकुमार कुर्रे ने बताया कि प्रांतीय संघ के आह्वान मांग पर शासन ने ऑनलाइन कार्यों के लिए जिले के पटवारियों को संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला था, लेकिन संसाधन अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। इससे काम करने में परेशानी हो रही है। अनदेखी को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत 9 दिसंबर को पटवारियों ने काला ड्रेस कोड पहनाकर मांगों के संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था।

10 दिसंबर से सभी पटवारियों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी लगाकर काम किया। मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिसंबर का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई इसलिए 16 दिसंबर से पटवारियों ने ऑनलाइन काम अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।

इन कार्यों पर लगा ब्रेक

बता दें कि धमतरी जिले में कुल 180 पटवारी कार्यरत हैं। नक्शा सुधार, बटांकन, फौती नामांतरण सहित राजस्व के अन्य कार्य इन्हीं के माध्यम से होता है। वर्तमान में सभी कार्य ऑनलाइन कर दिए गए हैं। जबकि पटवारियों ने ऑनलाइन (Online Document) कार्यों का बायकाट कर दिया है। इससे नई रजिस्ट्री सहित इश्तहार प्रकाशन पर भी ब्रेक लग गया है। इधर राजस्व प्रकरणों का पेंडेंसी बढ़ने से अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिक्कत हो रही है।