Chhattisgarh News: धमतरी। व्यवसायिक परीक्षा मंडल की ओर से परीक्षा में राउत नृत्य को आदिवासी समुदाय का बताने पर झेरिया यादव समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है। कलेक्ट्रेट पहुंचकर समाजजनों ने इस प्रश्न को विलोपित करने की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए भूपेश सरकार से तत्काल इस प्रश्न को विलोपित करने की गुहार लगाई है।
बुधवार को छतीसगढ़ झेरिया यादव समाज के जिलाध्यक्ष रमेश यादव की अगुवाई में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी से मिलने पहुंचे समाजजनों ने तत्काल व्यापमं से इस प्रश्न को विलोपित करने की मांग की। उन्होंने बताया कि बीते 24 जून को व्यापमं द्वारा आयोजित लेबर इंस्पेक्टर परीक्षा के 47 सेट-बी के प्रश्न क्रमांक 06 में राउत नृत्य को आदिवासी समुदाय का नृत्य बताया गया है, जबकि राउत नृत्य छत्तीसगढ़ के यादव संस्कृति का अभिन्न हिस्सा व धरोहर है। इसे आदिवासी समुदाय का नृत्य बताना यादव समाज के लिए अपमानजनक है। उन्होंने प्रश्न को तैयार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उनकी बातों को सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। कलेक्ट्रेट पहुंचने वालों में नरेश यादव, शिवाजी यादव, खेलन राम, दाऊलाल यादव, पितांबर यादव, हेमचंद यादव, नागेश्वर यादव, जगदेव यादव, लक्ष्मीनारायण यादव आदि मौजूद रहे।
सीएम से गुहार
समाज प्रमुख शांतिलाल यादव, रंजीत यादव ने कहा कि यादव समाज अपनी कला-संस्कृति के लिए जाना जाता है तथा बहुत ही स्वाभिमान समाज है। ऐसे में सामाजिक भावना को आहत करना उचित नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भूपेश सरकार से तत्काल इस प्रश्न को विलोपित करने की गुहार लगाई है।