
मंदिर में रो रही थीं मासूम (फोटो सोर्स- पत्रिका)
CG News: माता-पिता होने के बावजूद दो बेटियों का जीवन संकट में पड़ गया है। 4 महीने पहले ही दोनों बच्चे और पति को छोड़कर मां कहीं चली गई है। इधर पिता भी अब बच्चों के भरण-पोषण करने से हाथ खींच रहा है। महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरानी एक्का, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक के निर्देश पर चाइल्ड लाइन के केन्द्र समन्वयक नीलम साहू, सदस्य मनीषा निषाद ने काउंसिलिंग की। काउंसिलिंग के बाद अब दोनों बच्चों की परवरिश कांकेर के बालगृह बालिका श्रृंगारभाट कांकेर, दत्तक ग्रहण एजेंसी में होगी।
केन्द्र समन्वयक नीलम साहू ने बताया कि 21 मई को रात 8.45 बजे चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि रूद्रेश्वर मंदिर के पास 2 बच्चियां रोते बैठी हैं। पुलिस के साथ मौके पर चाइल्ड लाइन की टीम पहुंची। पुलिस के सहयोग से रात में बच्चियों को सखी सेंटर में रखा गया। दूसरे दिन बाल कल्याण समिति में पेश किया गया।
पिता तरूण यादव को भी बुलाया गया। तब जानकारी हुई कि बच्चों की मां पहले से ही कहीं चली गई है। पिता मजदूरी करता है। पिता ने आर्थिक स्थिति और खुद के काम को कारण बताते हुए बच्चों की परवरिश करने में असक्षम बताया। इसके बाद दोनों बच्चियों को कांकेर ले गए। पिता ने यह भी कहा कि वह इसे गोद देने के लिए किसी को नहीं दे सकते। 18 वर्ष की आयु तक ही पालने की अनुमति दे रहे हैं।
एक बच्ची की उम्र 7 वर्ष व एक की उम्र 3 वर्ष है। मंदिर में जब दोनों बच्चियों को लोगों ने देखा तो सबकी आंखें नम हो गई। काउंसिलिंग के दौरान भी उपस्थित लोगों ने बच्चियों के भविष्य और बचपन में मिलने वाले मां-बाप के दुलार को लेकर दुख व्यक्त किया।
Published on:
23 May 2025 05:26 pm
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