
World TB Day: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में टीबी मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है। टीबी बीमारी पर अंकुश लगाने तथा संभावित मरीजों की पहचान के लिए जिले में वृहदस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत धमतरी जिले के 370 ग्राम पंचायतों को वर्ष-2025 तक हर साल में टीबी मुक्त बनाना है। इस अभियान के तहत अब तक जिले के 111 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो सकी है।
वहीं 137 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रस्ताव केन्द्र को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। धमतरी जिले में 1368 टीबी के मरीज है। पिछले 7 सालों में टीबी रोग से जूझ रहे 47 लोगों की जान गई है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है। जिला अस्पताल में इसका नि:शुल्क इलाज किया जाता है। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष-2025 तक जिले के सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाना है। अब तक 111 ग्राम पंचायत टीबी मुक्त हो चुके हैं।
नोडल अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस की तरह टीबी का वायरस भी काफी पॉवरफुल होता है। यह हवा में फैलने वाला वायरस है। संक्रमित के खांसने, छींकने के दौरान उनके संपर्क में आने से यह वायरस 14 अन्य लोगों को भी संक्रमित करता है। जागरूकता के बाद भी लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे।
जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए 6 बिंदु तय किए हैं। इनमें प्रत्येक एक हजार की जनसंख्या में 30 लोगों की जांच करनी है। प्रति एक हजार में अधिकतम एक टीबी का केस होना चाहिए।
संबंधित ग्राम पंचायत में उपचारात्मक टीबी केस शत-प्रतिशत होना चाहिए, यानी उस गांव में टीबी के मरीजों का शत-प्रतिशत इलाज हो चुका हो। इसी तरह अन्य बिंदु शामिल हैं। इन क्राइटेरिया के अंतर्गत आने पर ही संबंधित गांव को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जा सकता है।
Published on:
24 Mar 2025 10:11 am
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