भोजशाला को हिंदू पक्ष सरस्वती मंदिर बताता है जबकि मुस्लिम पक्ष के अनुसार ये मस्जिद है। हिंदू पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भोजशाला की सच्चाई जानने यहां वैज्ञानिक सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे की रिपोर्ट जमा करने के लिए कोर्ट ने 6 सप्ताह का समय दिया है।
इधर सर्वे के कुल 42 दिनों में से 20 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अवधि में भोजशाला में कई अहम साक्ष्य मिले हैं लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है। ऐसे में एएसआइ का दल हाईकोर्ट से सर्वे की अवधि बढ़ाने की मांग कर सकता है।
भोजशाला में बुधवार को सर्वे के दौरान अकल कुई पर फोकस किया गया। यहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई। दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे सुबह आठ बजे से शुरू किया गया। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा और आशीष गोयल ने बताया कि वैज्ञानिक प्रणाली से खुदाई की जा रही है। तीन दिन से अकल कुई पर फोकस किया जा रहा है। अकल कुई (कूप) का टीम ने अवलोकन किया है।
मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद खान ने बताया कि अरबी, फारसी के शिलालेख मिले हैं। खुदाई में मिले अवशेषों पर मार्किंग की गई। भोजशाला के भीतर भी खोदाई की गई है। एक स्थान पर जहां खोदाई शुरू की गई, वहां पर ट्रेंच बनाई है।