
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: सरकारी राशन का लाभ गरीबों के साथ ही कई अपात्र परिवार भी उठा रहे हैं, जिनके द्वारा हर महीने मुफ्त का राशन लिया जा रहा है। इनमें कुछ तो आयकरदाता की श्रेणी में आते हैं और कुछ की आय छह लाख से अधिक है। इस गड़बड़ी को केंद्र सरकार द्वारा जांच में पकड़ा था। इसके बाद खाद्य विभाग द्वारा जिले के 3771 कार्डधारकों को नोटिस दिया है। जिनसे संतुष्टप्रद जवाब नहीं मिलने की स्थित में राशन पात्रता पर्ची से नाम विलोपित किए जाएंगे।
विभाग द्वारा दिए गए नोटिस के बाद अभी तक 1500 लोगों ने जवाब दिए हैं और शेष से जानकारी मांगी गई है। इसके बाद अपात्रों के नाम पर कैंची चलेगी। अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया 10 दिन में पूर्ण होगी और उसके बाद नाम काटे जाएंगे। धार जिले में तीन लाख 67 हजार 852 कार्डधारक परिवारों के लगभग 15 लाख 78 हजार सदस्यों को शासन द्वारा राशन का वितरण किया जाता है। पात्रता के आधार पर कार्डधारकों को ई-केवायसी करना अनिवार्य था। राशन पर्ची को आधार से लिंक किया गया तो कई अपात्र पाए गए। जिनके नाम की पात्रता पर्ची निरस्त हो सकती है।
विभाग द्वारा आयकर दाता की श्रेणी में पाए गए कार्डधारकों की जानकारी अपडेट की जा रही है। यह प्रक्रिया लगभग एक महीने से चल रही है। अब तक 40 प्रतिशत लोगों ने अपना जवाब पेश किया है। जबकि शेष 60 प्रतिशत की ओर से जवाब आना शेष है, वहीं विभागीय अधिकारियों को कहना है कि 10 दिन के अंदर बाकी बचे लोगों से भी जवाब तलब कर जांच की जाएगी। इसके आधार पर पात्र और अपात्र का निर्णय लेकर नाम विलोपित किए जाएंगे।
शासन द्वारा पात्रता रखने हितग्राहियों को प्रत्येक महीने में पांच किलो अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 15 लाख 70 हजार 678 सदस्यों के हिसाब से 9 हजार मीट्रिक टन अनाज का वितरण हो रहा है। जिले में साढ़े 15 लाख से अधिक सदस्यों की ई-केवायसी हुई है।
पात्रता नहीं होने के बाद भी जो लोग अभी तक राशन ले रहे हैं, ऐसे लोगों के नाम विलोपित किए जाएंगे। विभाग ने 3771 को नोटिस दिया था। 1500 ने जवाब प्रस्तुत किया है। फिलहाल प्रक्रिया चल रही है। आगामी 10 दिनों में फिल्टर लगाकर अपात्रों के नाम काटने की कार्रवाई की जाएगी। - श्रीराम बरड़े, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी धार
केस-1
पीथमपुर के वार्ड 6 निवासी बाबूलाल महाजन को खाद्य विभाग ने आयकर श्रेणी में होने पर नोटिस दिया था, जिसके जवाब में महाजन ने बताया कि मैं कोई करदाता नहीं हूं। होम लोन के लिए आयकर रिर्टन फाइल तैयार की थीं। इसके बाद आयकर दाता की सूची में मेरा नाम आ गया। योगेश सिंह राणा को भी ऐसा ही नोटिस मिला है, जो खुद किराए के मकान में रह रहे हैं।
केस- 2
तिरला निवासी विजय और अमृत जाट को भी खाद्य विभाग ने नोटिस भेजा था। दोनों को आयकर दाता बताया गया है। जिनका कहना है कि उन्होंने बैंक लोन के लिए आवेदन किया था। इसमें आयकर रिर्टन की अलग से जानकारी मांगी थी। जो भरकर दी है। विभाग द्वारा जांच पूरी होने तक कार्रवाई को पेडिंग रखा गया है।
विभागीय सर्वे में कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए, जो मृत थे। फिर भी उनके नाम से परिजन राशन प्राप्त कर रहे थे। विभाग का दावा है कि ऐसे करीब साढ़े आठ हजार लोगों के नामों को खाद्यन्न सूची से हटाया गया है। पिछले साल तक मृतक हो चुके लोगों के नाम पर राशन जारी होता रहा है। हर महीने लगभग चार सौ से सवा चार सौ क्विंटल अनाज आवंटित होता था। नाम हटाने के बाद राशन की अब हेराफेरी कम हो गई है।
Published on:
30 Sept 2025 04:21 pm
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