
धार। मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी (narmada river) पर बने सभी डैम लगभग पूरे भर गए हैं। जबकि इसी नदी पर गुजरात में बना सरदार सरोवर डैम (sardar sarovar dam) अब भी 6 मीटर खाली है। इसके गेट बंद होने के कारण लगातार मध्यप्रदेश में नर्मदा का जल स्तर बढ़ रहा है। बड़वानी के डूब प्रभावित क्षेत्र में पानी बढ़ रहा है, वहीं धार जिले में भी पानी बढ़ गया है। जल्द ही डैम से पानी नहीं छोड़ा गया तो मध्यप्रदेश के एक बड़े स्तर पर बाढ़ (flood) का सामना करना पड़ सकता है।
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में स्थित धार जिले के निसरपुर तथा इसके आसपास स्थित चिखल्दा, कोटेश्वर आदि के नर्मदा किनारों पर स्थित गांवों में अब नर्मदा नदी ने एक बडी झील या जलाशय का आकार ले लिया है। इस वर्ष जुलाई माह में ही गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध के पूर्ववर्ती मप्र के इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों मे अच्छी बरसात होने के कारण पिछले दिनों इनसे छोड़े गए पानी के कारण नजारा सुंदर हो गया है। इधर, लगातार पानी बढ़ने के कारण लोग भी चिंतित हो गए हैं। यदि पानी ऐसे ही बढ़ते रहा तो आने वाले दिनों में बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
अब इंदिरा सागर (indira sagar dam) और ओंकारेश्वर बांधों (omkareshwar dam) के गेट बन्द कर देने से पानी की निकासी नहीं हो रही है। सरदार सरोवर बांध के भी गेटों से पानी की निकासी बंद है, लेकिन सोमवार सुबह 6 बजे चिखल्दा में जलस्तर 131.80 मीटर पर होने से मामूली घट-बढ़ हो रही है। इसी माह की 4, 5 और 6 अगस्त को तीन दिन लगातार 132.10 मीटर तक पहुंच गया था।
पानी में डूब गए सभी घाट
फिलहाल इसमें थोड़ी सी कमी हुई है, लेकिन फिर भी यह बड़वानी जिले को जोडऩे वाले पुराने चिखल्दा- राजघाट पुल से सवा चार मीटर से अधिक ऊपर चढ़कर है और नर्मदा के दोनों पाटों के ऊपर है और वह दिखाई नहीं दे रहे हैं। बड़वानी जिले की ओर कसरावद के निचले क्षेत्रों में बांध के बेक वाटर का पानी भरने लगा है। निसरपुर के पास नर्मदा किनारे उंचे स्थान पर बसे कोटेश्वर के सभी घाट डूब गए हैं। नर्मदा का पानी सबसे ऊपर स्थित मंदिरों की सीढिय़ों को छूने लगा है।
पहली बार इस लेवल तक भरा डैम
कोटेश्वर के कपिल गोस्वामी ने बताया कि ऐसे में सरदार सरोवर बांध के वर्ष 2017 में गेट लगाने के बाद पहली बार श्रावण मास में इतना पानी बढ़ा है। इससे वर्षों से भगवान की कोटेश्वर महादेव मंदिर (koteshwar mahadev mandir) से डोल निकालने की परंपरा पहली बार रुक सकती है। क्योंकि वर्षा का क्रम पुन: शुरू हो गया है और इससे जल स्तर मे पुन: वृद्धि हो सकती है। मंदिरों के पुजारी नाव से जाकर मंदिरों मे पूजा अर्चना कर रहे हैं।
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सरदार सरोवर का 132.54 मीटर हुआ जलस्तर
सोमवार 8 अगस्त की सुबह 6 बजे तक सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 132.54 मीटर पर बना हुआ है। इसकी कुल क्षमता 138.680 मीटर है। इस प्रकार यह अभी भी 6 मीटर से ज्यादा भरना बाकी है। हालांकि इसके सभी गेट फिलहाल बंद हैं तथा उसमें 49346 क्यूसेक्स जल की आवक प्रति सेकंड बनी हुई है। उसके कैनाल हेड पावर हाउस से 4816 क्यूसेक्स तथा रिवर बेड पावर हाउस से 44285 क्यूसेक्स प्रति सेकंड जल की निकासी की जा रही है। इंदिरा सागर बांध का जल स्तर 258.72 मीटर है तथा इसकी 5 मशीनों से 1150 क्यूमेक्स जल की निकासी हो रही है। इसके भी सभी गेट बंद हैं। ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर वर्तमान में आज सुबह 6 बजे 194.04 मीटर है। इसकी 4 मशीनों से 948 क्यूमेक्स जल की निकासी की जा रही है। इसके भी सभी गेट फिलहाल बंद हैं तथा इनसे कोई जल की निकासी नही की जा रही है।
Updated on:
09 Aug 2022 05:01 pm
Published on:
09 Aug 2022 04:48 pm
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