mp news: उज्जैन से बदनावर 70 किमी नेशनल हाईवे 752 डी (ujjain-badnawar highway) का शुभारंभ 10 अप्रैल 2025 को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Transport Minister Nitin Gadkari) के द्वारा संपन्न हुआ था। तब आसपास की जनता को बड़ा गर्व महसूस हो रहा था कि इस रोड़ के बनने से उज्जैन की दूरी मात्र कुछ मिनटों की रह जाएगी तथा बदनावर के विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी, लेकिन पहली ही बरसात में उस पर पानी फेर दिया और मुसीबत का अंबार खड़ा कर दिया। खेतों में पानी भर गया, जिससे फसलें खराब हो गई, क्योंकि पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
रोड बनाते समय भी कई गांव के किसानों ने शासकीय अधिकारियों को कई बार ज्ञापन, धरना, आंदोलन के माध्यम से अवगत करवाया कि जो फोरलेन बन रहा है, उसमें कई तकनीकी कमियां हैं। पानी कि निकासी की व्यवस्था सही ढंग से नहीं कि गई है, पानी को इधर-उधर डायवर्ट कर दिया गया है।
भौगोलिक सरंचना का कोई ध्यान नहीं दिया गया है और उसका नतीजा आज सामने आ रहा है। किसानों की कई सौ बीघा जमीन पानी में डूबी हुई है, फसल सड़ रही है , नष्ट हो रही है और प्रशासन के सामने शिकायतों का अंबार लग गया है। हालांकि प्रशासन मौके पर पहुंच कर निराकरण करने की कोशिश कर रहा है।
बदनावर में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में सबसे अधिक मामले इसी रोड के आसपास के जलभराव संबंधित आए। उसी दिन इस विषय की गंभीरता को समझते हुए एक टीम बनाई गई। इसमें एसडीएम, तहसीलदार, नेशनल हाईवे के इंजीनियर और पुलिस बल द्वारा पूरे रोड़ के आसपास गुरुवार को खेतों का निरिक्षण किया गया। मौके पर ही किसानों से मिलकर जानकारी एकत्र कर उनको निराकरण करने का प्रयास किया गया। नेशनल हाईवे के इंजीनियर को भी निर्देश दिए गए कि जल्दी से जल्दी जो कमियां नजर आई उसको दूर किया जाए।
किसान नारायण सिंह देवड़ा, सवेसिंह देवड़ा, कैलाश बारदेव, महेंद्र सिंह चावड़ा, बलवंत दांगी, अंबाराम पाटीदार आदि ने दल को बताया कि सोयाबीन बोवनी के बाद फसलें अंकुरित होने के पहले ही जलमग्न होने से सड़ गई हैं। पूरे खेत तालाब बन गए। उन्होंने बताया कि निर्माण के दौरान भी हमने कंपनी से शिकायत कर पानी निकासी की सही व्यवस्था करने की बात कही थी, किंतु उनकी लापरवाही से हमारी फसलें चैपट हो गईं।
Published on:
05 Jul 2025 02:34 pm