
नवरात्र की सप्तमी तिथि : इस उपाय से शीघ्र प्रसन्न हो जाती है कालरात्रि माता, कर देती है हर इच्छा पूरी
शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि शत्रुओं का संहार करने के साथ सुमार्गगामी शरण में आने वालों की रक्षा करते हुए उनकी सभी इच्छाएं भी पूरी कर देती है। अगर किसी के जीवन में किसी चीज का अभाव हो या फिर शत्रु परेशान कर रहा हो तो शारदीय नवरात्रि काल में सप्तमी तिथि (5 अक्टूबर 2019 शनिवार) को षोडषोपचार पूजा करने के बाद माता के इन नामों का पाठ करने से माता सभी इच्छाएं पूरी कर देती है।
माता महाकाली के इन 108 नामों का जप करें
शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को सुबह-शाम दोनों समय माता कालरात्रि के इन 108 नाम का श्रद्धा पूर्वक जप करने वाला साधक माता कालरात्रि की विशेष कृपा का अधिकारी बन जाता है। माता कालरात्रि के इन नामों का जप करते समय जपकर्ता अपने सामने तांबे के कलश में जलभकर उसके उपर गाय के घी का दीपक जलावें। अगर संभव हो तो नाम जप के बाद इन सभी नामों का उच्चारण करते हुए हवन कुंड में आहुति भी डालें।
नवरात्र की सप्तमी तिथि को माता के इन 108 नामों का जप करें-
काली, कापालिनी, कान्ता, कामदा, कामसुंदरी, कालरात्री, कालिका, कालभैरवपूजिता, कुरुकुल्ला, कामिनी, कमनीयस्वभाविनी, कुलीना, कुलकर्त्री, कुलवर्त्मप्रकाशिनी, कस्तूरीरसनीला, काम्या, कामस्वरूपिणी, ककारवर्णनीलया, कामधेनु, करालिका, कुलकान्ता, करालास्या, कामार्त्ता, कलावती, कृशोदरी
कामाख्या, कौमारी, कुलपालिनी, कुलजा, कुलकन्या, कलहा, कुलपूजिता, कामेश्वरी, कामकान्ता, कुब्जेश्वरगामिनी, कामदात्री, कामहर्त्री, कृष्णा, कपर्दिनी, कुमुदा, कृष्णदेहा, कालिन्दी, कुलपूजिता, काश्यपि, कृष्णमाला, कुलिशांगी, कला, क्रींरूपा, कुलगम्या, कमला, कृष्णपूजिता, कृशांगी
कन्नरी, कर्त्री, कलकण्ठी, कार्तिकी, काम्बुकण्ठी, कौलिनी, कुमुदा, कामजीविनी, कुलस्त्री, कार्तिकी, कृत्या, कीर्ति, कुलपालिका, कामदेवकला, कल्पलता, कामांगबद्धिनी, कुन्ती, कुमुदप्रिया, कदम्बकुसुमोत्सुका, कादम्बिनी, कमलिनी, कृष्णानंदप्रदायिनी, कुमारिपूजनरता, कुमारीगणशोभिता, कुमारीरंश्चरता, कुमारीव्रतधारिणी, कंकाली, कमनीया, कामशास्त्रविशारदा, कपालखड्वांगधरा, कालभैरवरूपिणि, कोटरी, कोटराक्षी, काशी
कैलाशवासिनी, कात्यायिनी, कार्यकरी, काव्यशास्त्रप्रमोदिनी, कामामर्षणरूपा, कामपीठनिवासिनी, कंकिनी, काकिनी, क्रिडा, कुत्सिता, कलहप्रिया, कुण्डगोलोद्-भवाप्राणा, कौशिकी, कीर्तीवर्धिनी, कुम्भस्तिनी, कटाक्षा, काव्या, कोकनदप्रिया, कान्तारवासिनी, कान्ति, कठिना, कृष्णवल्लभा।
****************
Published on:
03 Oct 2019 01:13 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
