
गुप्त नवरात्रिः माँ काली के इन नामों के जप से हो जाती है हर समस्या दूर
25 जनवरी से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है जो 3 फरवरी 2020 तक रहेगी। गुप्त नवरात्रि के 10 दिनों में माँ दुर्गा की दस महाशक्तियां दस महाविद्यां की विशेष गुप्त रूप से पूजा साधना की जाती है। 10 महाविद्याओं में से एक माता महाकाली खास मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्र के दिनों में अगर कोई साधक 10 दिनों तक माता महाकाली के इन नामों का जप रोज 108 बार करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
ऐसे करें माता महाकाली का पूजन
माँ काली का स्वरूप अवश्य उग्र है परंतु यह भी सत्य है कि कलयुग में अत्यधिक जागृत दैवीय शक्तियों में महाकाली का परम स्थान है। एक बार प्रसन्न होने पर मां अपने भक्तों की मनोकामना शीघ्र-अतिशीघ्र पूरी करती है। 9 दिनों तक अपने घर में ही माँ काली की पूजा आसानी से की जा सकती है। माँ काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करके तिलक, लाल पुष्प आदि से पूजन कर माँ काली को थोड़ा सा काले रंग का वस्त्र भी अर्पित करना चाहिए।
माता महाकाली के इन नामों का जप करें
गुप्त नवरात्र में नौ दिनों तक माँ काली के इन 108 नाम का जो भी व्यक्ति नियमित रूप से प्रातः मध्याह्न, सायं तथा रात्रि में जप या पाठ करता है, उसके घर में माँ काली निवास करने लगती है और उस साधक को जल, अग्नि, श्मशान, युद्धस्थल में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता नही रहता है। साथ ही माता उसकी सभी मनोकामना पूरी कर देती है।
माँ काली के 108 नाम
काली, कापालिनी, कान्ता, कामदा, कामसुंदरी, कालरात्री, कालिका, कालभैरवपूजिता, कुरुकुल्ला, कामिनी, कमनीयस्वभाविनी, कुलीना, कुलकर्त्री, कुलवर्त्मप्रकाशिनी, कस्तूरीरसनीला, काम्या, कामस्वरूपिणी, ककारवर्णनीलया, कामधेनु, करालिका, कुलकान्ता, करालास्या, कामार्त्ता, कलावती, कृशोदरी, कामाख्या, कौमारी, कुलपालिनी, कुलजा, कुलकन्या, कलहा, कुलपूजिता, कामेश्वरी, कामकान्ता, कुब्जेश्वरगामिनी, कामदात्री, कामहर्त्री, कृष्णा, कपर्दिनी, कुमुदा, कृष्णदेहा, कालिन्दी, कुलपूजिता, काश्यपि, कृष्णमाला, कुलिशांगी, कला, क्रींरूपा, कुलगम्या, कमला, कृष्णपूजिता, कृशांगी
कन्नरी, कर्त्री, कलकण्ठी, कार्तिकी, काम्बुकण्ठी, कौलिनी, कुमुदा, कामजीविनी, कुलस्त्री, कार्तिकी, कृत्या, कीर्ति, कुलपालिका, कामदेवकला, कल्पलता, कामांगबद्धिनी, कुन्ती, कुमुदप्रिया, कदम्बकुसुमोत्सुका, कादम्बिनी, कमलिनी, कृष्णानंदप्रदायिनी, कुमारिपूजनरता, कुमारीगणशोभिता, कुमारीरंश्चरता, कुमारीव्रतधारिणी, कंकाली, कमनीया, कामशास्त्रविशारदा, कपालखड्वांगधरा, कालभैरवरूपिणि, कोटरी, कोटराक्षी, काशी, कैलाशवासिनी, कात्यायिनी, कार्यकरी, काव्यशास्त्रप्रमोदिनी, कामामर्षणरूपा, कामपीठनिवासिनी, कंकिनी, काकिनी, क्रिडा, कुत्सिता, कलहप्रिया, कुण्डगोलोद्-भवाप्राणा, कौशिकी, कीर्तीवर्धिनी, कुम्भस्तिनी, कटाक्षा, काव्या, कोकनदप्रिया, कान्तारवासिनी, कान्ति, कठिना, कृष्णवल्लभा
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Published on:
28 Jan 2020 10:35 am
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