ॐ रामदूताय् विद्महे, कपिराजाय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात।
ॐ आंजनेयाय् विद्महे, महाबलाय् धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात।
ॐ अंजनिसुताय् विद्महे, वायुपुत्राय् धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्।
इस प्रयोग का आरंभ मंगलवार या शनिवार को करना है। सुबह के समय स्नान आदि कर साफ, स्वच्छ धुले हुए कपड़े पहन कर हनुमान जी के मंदिर में बैठ कर हनुमानचालिसा का पाठ करें। हनुमानजी को फूल, माला तथा गुड़ व चने का भोग अर्पित करें। इसके बाद उपरोक्त तीनों गायत्री मंत्रों में से कोई भी एक मंत्र चुन कर उसका रुद्राक्ष की माला पर जप करें। रोजाना कम से कम 108 बार जप करना है। जप करते समय अपना ध्यान हनुमान जी के चित्र अथवा तस्वीर पर एकाग्र रखें। यह प्रयोग एक बार आरंभ करने के बाद लगातार 108 दिनों तक करना है।
एक बार इस प्रयोग को आरंभ कर देने के बाद आपकी समस्याएं खुद-ब-खुद ही समाप्त होती चली जाएंगी। यदि आप चाहें तो इस प्रयोग को उम्र भर भी कर सकते हैं। इसके प्रभाव से आप पर आने वाली कोई भी मुसीबत अपने आप ही समाप्त हो जाएगी और आपको पता भी नहीं चलेगा।