scriptहरियाली तीज 2021: जानें शुभ समय, पूजा विधि और महत्व | Hariyali Teej on Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Sawan 11aug.2021 | Patrika News

हरियाली तीज 2021: जानें शुभ समय, पूजा विधि और महत्व

locationभोपालPublished: Aug 05, 2021 01:29:28 pm

Hariyali Teej: सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि…

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Hariyali Teej 2021 : हर साल श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हिन्दू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में इस हरियाली तीज का काफी अधिक महत्व होता है। ऐसे में इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखती है।

ऐसे मे इस साल 2021 में सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानि हरियाली तीज बुधवार, 11 अगस्त को मनायी जाएगी।

हरियाली तीज 2021 तिथि व मुहूर्त
2021 हरियाली तीज व्रत रखने की तिथि: बुधवार ,11 अगस्त 2021 को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा।

तृतीया तिथि शुरु: मंगलवार, 10 अगस्त 2021: 06:11 PM से

तृतीया तिथि का समापन: बुधवार, 11 अगस्त 202 : 04:56 PM तक।

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हरियाली तीज विशेष मुहूर्त:
अमृत काल: बुधवार, 11 अगस्त को 01:52:28 AM से 03:26:11 PM तक।

विजय मुहूर्त: बुधवार, 11 अगस्त को 02:08:27 PM से 03:07:04 PM तक।

ब्रह्म मुहूर्त: बुधवार, 11 अगस्त को 04:03:06 AM से 04:46:56 AM तक।

गोधूलि मुहूर्त: बुधवार, 11 अगस्त को 06:23:02 PM से 06:47:22 PM तक।


हरियाली तीज व्रत का महत्व
हरियाली तीज का यह व्रत अत्यंत कठिन होने के साथ ही सभी सुहागन महिलाओं के लिए अत्यंत विशेष माना जाता है। महिलाएं इस दिन अपने मायके से आए कपडे और श्रृंगार धारण करती हैं। साथ ही महिलाएं इस दिन पूरी दुल्हन की तरह तैयार होकर व्रत रखती है। हरियाली तीज के अवसर पर माता गौरी और भोलेबाबा की पूजा करने का खास महत्व माना गया है।

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इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के साथ ही पति के निरोगी रहने के लिए भी व्रत करती है। इसके साथ ही महिलाएं पुत्र प्राप्ति की मंशा से भी इस व्रत को करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख समृद्धि का निवास रहता है।

हरियाली तीज की पूजा विधि:
व्रत के दिन सभी सुहागिन महिलाओं को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद मायके से आए कपड़े धारण कर सोलह श्रृंगार करके तैयार हो जाना चाहिए। इसके बाद पूजा के शुभ मुहूर्त पर एक चौकी में माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

फिर मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करने के बाद भगवान शिव को भी बेल पत्र, श्वेत फूल,भांग, धतूरा, अक्षत्, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। गणेश जी की पूजा करने के बाद हरियाली तीज की कथा सुनना या पढ़ना चाहिए।

पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करते हुए हाथ जोड़कर अपने पति की लम्बी उम्र की मनोकामना करें साथ ही सुख समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करनी चाहिए।

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