
19 नवंबर (मंगलवार) को काल भैरव जयंती पर्व है। भगवान शंकर के अंश अवतार बाबा काल भैरव ( kaal bhairav ) का जन्म मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, ऐसा धर्म ग्रंथों में उल्लेख आता है। कहा जाता है कि बाबा काल भैरव को मदिरा का भोग लगाने से वे अपने भक्तों के सारे कष्टों को हर लेते हैं, और अपने भक्तों की सभी मनोकामना भी पूरी कर देते हैं। जानें आखिर बाबा काल भैरव को मदिरा पान कराने से कैसे होता है कष्टों का नाश।
बाबा काल भैरव के मंदिर हिन्दुस्तान में अनेक धार्मिक तीर्थ स्थलों में स्थापित है। भगवान महाकालेश्वर की नगरी मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी बाबा काल भैरव का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर स्थापित है जहां हर रोज काल भैरव बाबा का मदिरा का भोग लगाया जाता है। यहां पर पूजा अर्चना करने के बाद जैसे ही किसी पात्र में मदिरा रखकर बाबा काल भैरव के मुख के सामने रखा जाता है। पात्र से मदिरा देखते ही देखते खत्म हो जाती है। बाबा काल भैरव का यह मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है, जो हजारों वर्ष पुराना माना जाता है।
बाबा काल भैरव के इस अद्भुत मंदिर को वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर भी माना जाता है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस काल भैरव मंदिर में केवल तांत्रिक साधकों को ही आने की अनुमति थी, आमजन के लिए इस काल भैरव मंदिर में प्रवेष निषेध था। कुछ वर्षों पहले तक इश मंदिर में पशुओं की बली दी जाती थी, लेकिन अब वर्तमान यहां बलि प्रथा पूर्णतः बंद कर दी गई है।
बाबा काल भैरव हरते हैं सारे कष्ट
मान्यता है कि बाबा काल भैरव की विधिवत पूजा उपासना करने के मदिरा का भोग लगाने से वे अपने भक्तों के सभी कष्टों का नाश कर देते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी भी कर देते हैं। काल भैरव जयंती के दिन जो भी भक्त काले रंग के कपड़ें पहन कर कालें रंग के ही आसन पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके इस मंत्र का 251 बार जप करने के बाद बाबा महाकाल को मदिरा का भोग लगाने से प्रसन्न होकर काल भैरव बाबा सभी दुखों का नाश करके मनवांछित कामनाएं पूरी करते हैं।
काल भैरव मंत्र- ॥ ऊँ भ्रं कालभैरवाय फ़ट।।
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Updated on:
18 Nov 2019 01:49 pm
Published on:
18 Nov 2019 01:40 pm
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