
Kedarnath Dham
Kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह हिंदुओं का पवित्र स्थान भी है। इस मंदिर का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर की महिमा बहुत ही अपरंपार है। तो आइए जानते हैं, क्या है इस यात्रा की महिमा।
केदारनाथ धाम की यात्रा जीवन में एक बार जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह एक पावित्र स्थान है जो आध्यात्मिकता, शांति और प्रकृति के सौंदर्य का अद्भुत संगम है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति एक बार इस धाम की यात्रा कर लेता है तो उसके ऊपर भगवान शिव अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इसके साथ ही इस धाम की एक खास बात यह भी है कि यह मंदिर 6 महीने बंद रहता है और 6 महीने खुला रहता है। इस कारण कपाट खुलने पर यहां लाखों की भीड़ जमा होती है।
केदारनाथ की महिमा बड़ी ही निराली है। यह मंदिर उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ और केदारनाथ ये दो पवित्र तीर्थ स्थल हैं। इन दोनों ही मंदिरों का अपना अलग स्थान है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा के लिए निकल जाता है, उसकी यात्रा सफल नहीं होती है। इस मंदिर की कोई भी आयु नहीं है एक हजार वर्षो से केदारनाथ एक महत्वपूर्ण धाम रहा है। मई से नवंबर तक ही यहां श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं, जबकि सर्दियों के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। इसलिए हर साल जब कपाट खुलते हैं, तो भगवान शिव के दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी-देवताओं ने असुरों से अपने बचाव के लिए देवों के देव महादेव से प्रार्थना की थी। इसलिए भगवान शिव बैल के रूप में प्रकट हुए। इस बैल का नाम था 'कोडारम' था। बैल में असुरों का नाश करने की शक्ति थी। बैल के खुरों और सींग ने उनका का नाश किया, जिन्हे प्रभु ने मंदाकिनी नदी में फेंक दिया था। इसी कोडारम नाम से केदारनाथ नाम पड़ा।
केदारनाथ की यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ भक्ति और शांति का मार्ग भी है। इस यात्रा में भक्तों को प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण का अनुभव मिलता है। इसके अलावा, यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक गतिविधिया और परंपराए भी जुड़ी हुई हैं, जो भक्तों की आस्था को और भी गहरा करती हैं।
Published on:
15 Nov 2024 04:39 pm
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