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माघ माह में जरूर करें ये काम, तिल-तिल कर नष्ट हो जाएंगे सारे पाप, सुधरेगी आर्थिक स्थिति

प्रयागराज के पंडित आचार्य प्रदीप पांडे के मुताबिक शास्त्रों में माघ माह का विशेष महत्व माना गया है। वहीं इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और वह मोक्ष को प्राप्त होता है...

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Sanjana Kumar

Jan 03, 2023

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भोपाल। संगम नगरी प्रयागराज में 6 जनवरी 2023 से माघ मेला शुरू होने जा रहा है। हर साल यहां पौष पूर्णिमा से माघ मेले की शुरुआत होती है। इसका समापन माघ पूर्णिमा के साथ होता है। इसमें लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर एक माह तक कल्पवास करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष का ग्याहरवां महीना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह महीना अत्यंत पवित्र और मोक्षदायक माना माना जाता है। दअरसल माघ का यह महीना भगवान विष्णु, सूर्य देव और मां गंगा को समर्पित है। इसीलिए माघ माह में इन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना से उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही माघ माह में गंगा स्नान दान, तप आदि चीजों का भी खास महत्व बताया गया है। माना जाता है कि माघ माह में इन सब नियमों का पालन करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

कब से शुरू हो रहा है माघ महीना
माघ महीने की शुरुआत 7 जनवरी 2023 शनिवार से हो जाएगी और इसका समापन 5 फरवरी 2023 को माघी पूर्णिमा पर होगा। पुराणों के मुताबिक माघ माह 'माध' अर्थात श्री कृष्ण के एक स्वरूप 'माधवÓ से इसका गहरा नाता है। माघ महीने में कल्पवास, कृष्ण उपासना का विशेष महत्व माना जता है।

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माघ माह का धार्मिक महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माघ मास में गौतमऋषि ने इन्द्रेदव का श्राप दिया था। ऐसे में इस महीने में इन्द्रदेव श्राप से मुक्ति पाने के लिए गंगा स्नान करते थे, ऐसा करने से इन्द्रदेव को गौतमऋषि द्वारा दिए गए श्राप से मुक्ति मिली थी। शास्त्रों के मुताबिक इस महीने में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन गंगा स्नान पवित्र माना गया है। इसके अलावा माघ महीने में अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं माघ के महीने को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना न केवल इस जन्म में बल्कि आपके अगले जन्म में भी बहुत लाभ देता है।

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मिलती है भगवान विष्णु और सूर्य देव की कृपा
इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है यानी मोक्ष प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में पवित्र नदी में स्नान करते समय या फिर गंगा में स्नान करते समय गंगा स्तुति और गंगा स्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे मां गंगा के साथ ही अन्य देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं।

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इन नियमों का पालन करने से धुल जाएंगे पाप, मिलेगी सुख समृद्धि

- माघ के महीने में पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। कहा गया है कि हो सके तो गंगा नदी में स्नान करें। लेकिन अगर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर उस पानी से स्नान करें।
- माघ महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य को अघ्र्य देना लाभदायक माना जाता है।
- इसके अलावा माघ महीने में रोज गीता का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से मन शांत रहता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और आपके जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। पारीवारिक सुख-समृद्धि में इजाफा होता है।
- माघ महीने में प्रतिदिन स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उन्हें पूजा में तिल जरूर चढ़ाने चाहिएं। माना जाता है कि भगवान विष्णु को पूजा में तिल चढ़ाने से व्यक्ति के सारे पाप तिल-तिल करके नष्ट हो जाते हैं।
- माघ महीने में रोजाना तिल का सेवन करना चाहिए। वहीं नहाने के पानी में तिल मिलाकर स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए माघ मास में रोज सुबह और शाम तुलसी जी की पूजा करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है।
- माघ के महीने में कभी भी नॉनवेज, शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें। इसके अलावा इस महीने में मूली का सेवन करना भी वर्जित बताया गया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार माघ के महीने में मूली का सेवन करना मदिरा के सेवन करने जैसा माना गया है। इसलिए मूली का सेवन न करें।
- माघ मास में दान जरूर करें इस महीने में गर्म कपड़ों का दान और तिल का दान बहुत लाभ देने वाला होता है।

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