15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केवल ये एक मंत्र कर देता है सैकड़ों इच्छाएं पूरी, हो जाती है हर बाधा दूर

Navgrah Mantra Jaap Vidhi, benefits : केवल ये एक मंत्र कर देता है सैकड़ों इच्छाएं पूरी, हो जाती है हर बाधा दूर

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Nov 26, 2019

केवल ये एक मंत्र कर देता है सैकड़ों इच्छाएं पूरी, हो जाती है हर बाधा दूर

केवल ये एक मंत्र कर देता है सैकड़ों इच्छाएं पूरी, हो जाती है हर बाधा दूर

ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र सम्पूर्ण आधार सौरमंडल में स्थित सभी 9 ग्रह होते हैं। ज्योतिष के अनुसार सौर मंडल में सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहू और केतु आदि कुल नवग्रह है। कहा जाता है कि ये सभी नवग्रह मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी करने में सक्ष्म होते हैं। हर रोज इनके मंत्र का जप करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलने के साथ एक साथ सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

कुल इतने प्रकार के होते हैं कालसर्प दोष, जानें किसका किस पर क्या पड़ता है प्रभाव

इस नवग्रह मंत्र का हर रोज 108 बार लगातार 40 दिनों तक करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और जपकर्ता की सभी कामनाएं पूरी कर देता है।
नवग्रह मंत्र
ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

अगर आपको भी घर के बाहर कदम रखते ही मिले ये संकेत तो...

नवरग्रह मंत्र का जप का विधि-विधान

स्नान आदि से निवृत्त होकर सफेद आसन पर बैठकर, आसन के नीचे कुछ सिक्के रखकर उसके ऊपर सुखासन (पालथी) मारकर बैठ जाएं। अब उक्त नवग्रह मंत्र जप करते हुए मन ही मन भाव करें कि-

1- ग्रहों में प्रथम विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य मेरी पीड़ा का हरण करें।

2- अमृतमय स्वरूप वाले, अमतरूपी शरीर वाले तथा अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव मेरी पीड़ा को दूर करें।

3- जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल मेरी पीड़ा का हरण करें।

4- महान द्युति से संपन्न, चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें।

शनिवार को अपनी राशि के अनुसार ऐसे करें हनुमान जी की पूजा, हर इच्छा हो जाएगी पूरी

5- सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वाले, देवताओं के गुरू बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें।

6- दैत्यों के गुरू महान् बुद्धि संपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें।

7- सूर्य विशाल नेत्रों वाले, भगवान् शिव के प्रिय प्रसन्नात्मा शनि देव मेरी पीड़ा को दूर करें।

8- विविध रूप तथा वर्ण वाले, हजारों आंखों वाले, तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें।

9- नाड़ी से संपन्न, विशाल मुख और बिना शरीर वाले केतु मेरी पीड़ा का हरण करें।

**************