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Panchak february 2023 : जानें पंचक में क्या न करें और मौत से जुड़ी मान्यता

पंचक नाम (Panchak february 2023) से ही भय उत्पन्न हो जाता है। लेकिन आपको नहीं पता होगा कि सभी पंचक अशुभ नहीं होते और पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने में दिक्कत नहीं है। जानिए सोमवती अमावस्या 2023 (somvati amavasya 2023) के दिन से शुरू हो रहे पंचक में क्या करें और क्या न करें।

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Pravin Pandey

Feb 19, 2023

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panchak february 2023

क्या होता है पंचकः ज्योतिष के अनुसार पांच दिन की वह अवधि जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करता है और इसके बाद चंद्रमा शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों के चारों पदों पर गोचर करता है। इसे पंचक कहते हैं। अलग शब्दों में कह सकते हैं कि जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है तो इस अवधि को पंचक कहते हैं।


ज्योतिष में इस अवधि को अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इसके बाद घर परिवार के सदस्यों या उसे क्षेत्र में किसी की मौत का खतरा मंडराता रहता है। हालांकि सारे पंचक अशुभ नहीं माने जाते और राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिससे नकारात्मक प्रभाव को कम किए जा सकते हैं। 20 फरवरी को जो पंचक शुरू हो रहा है, उसे राज पंचक कहते हैं और इसे अशुभ नहीं माना जाता है।


Panchak february 2023 : बता दें कि पंचक की शुरुआत 20 फरवरी को सुबह 1 बजकर 14 मिनट पर हो रही है और 24 फरवरी सुबह 3.44 बजे यह संपन्न होगा। सोमवार से शुरू होने के कारण यह राज पंचक है। इस दौरान नए कार्य करने से बचना चाहिए। लेकिन पहले से चल रहे काम में कोई दिक्कत नहीं है।

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पंचक को ऐसे जानें


1. रोग पंचकः इसका आरंभ रविवार को होता है और यह अशुभ माना जाता है। इस अवधि में जन्मे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और इन्हें शारीरिक मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है।


2. राज पंचकः इसका आरंभ सोमवार को होता है और यह अशुभ नहीं माना जाता है। यह दैनिक जीवन में किए जाने वाले कार्यों के लिए शुभ होता है और व्यापार के लिए अच्छा समय होता है।


3. अग्नि पंचकः मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते हैं। यह कानून से जुड़े मामलों के लिए शुभ माना जाता है।


4. मृत्यु पंचकः शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं। मान्यता है कि यह पंचक मृत्यु या दुर्घटना का संकेत होता है।


5. चोर पंचकः शुक्रवार को शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहते हैं। इस दिन कुछ विशेष कार्यों को करने से धन धान्य में कमी आती है।

पंचक में क्या करें: पंचक में कई काम करने पर रोक रहती है, लेकिन कुछ कार्य में यह अवधि आड़े नहीं आती। यानी इस अवधि में उन कार्यों को करने में दिक्कत नहीं आती। ज्योतिषियों के अनुसार गृहप्रवेश समारोह, भाईदूज और रक्षाबंधन का त्योहार किसी भी पंचक के दौरान मना सकते हैं।

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क्या न करें: हिंदू धर्म से जुड़े लोग पंचक के समय इन कार्यों से परहेज करते हैं।


1. पंचक के दौरान विवाह, नामकरण और मुंडन संस्कार नहीं किए जाते हैं।
2. पंचक के दौरान व्यापार के लिए उधार पैसे के लेनदेन से बचा जाता है। ऐसा जरूरी है तो कार्य शुरू करने से पहले माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।


3. पंचक के दौरान किसी की मौत हो जाने पर परिवार के दूसरे सदस्यों को अनिष्ट से बचाने के लिए दाह संस्कार के समय आटे, बेसन और कुश से पांच पुतले बनाकर मृतक के साथ उनका भी अंतिम संस्कार करना चाहिए।
4. पंचक के दौरान किसी को शनिवार को दक्षिण दिशा में यात्रा करनी है तो सर्व प्रथम हनुमानजी की पूजा करें। उन्हें फलों का भोग लगाएं, फिर यात्रा शुरू करें।