23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Pitru Paksha 2025: महिलाएं श्राद्ध कर्म कर सकती हैं या नहीं, जानिए क्या कहता हिंदू धर्म शास्त्र

Pitru Paksha Rules For Woman: श्राद्ध कर्म हिंदू धर्म में एक बेहद महत्वपूर्ण कर्म है, जो पितरों की आत्मा की शांति और संतुष्टि के लिए किया जाता है। वैसे तो ये पुरुषों द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन आज के समय में यह सवाल अधिक प्रासंगिक हो गया है कि क्या महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं?

2 min read
Google source verification

भारत

image

Anamika Mishra

Sep 17, 2025

Can women perform Shraddha, Women and Shraddha rituals in Hinduism, Are women allowed to do Shraddha, Shraddha rites by women, Hindu dharma on women performing Shraddha,

क्या महिलाएं कर सकती हैं श्राद्ध कर्म? (Image Source: Gemini AI)

Can Women Perform Shraddha: पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करना एक पवित्र और महत्वपूर्ण काम माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान किया गया पिंड दान पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और परिवार में सुख-समृद्धि लाता है। पुराने समय से ही पुरुष सदस्यों द्वारा ही यह कार्य किया जाता था। लेकिन, बदलते वक्त के साथ अब ये प्रश्न भी उठता है कि आखिर महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं या नहीं? चलिए जानते हैं।

महिलाएं श्राद्ध करें या नहीं? (Should Women perform Shraddha or Not)

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं या नहीं? आमतौर पर देखा गया है कि परिवार के पुरुष सदस्य या पुत्र-पौत्र नहीं होने पर कई बार कन्या या धर्मपत्नी भी मृतक का अंतिम संस्कार या श्राद्ध करती है। परिस्थितियां ऐसी ही हों तो यह अंतिम विकल्प है। इस बारे में हिंदू धर्म ग्रंथ, धर्म सिंधु सहित मनुस्मृति और गरुड़ पुराण भी महिलाओं को पिंड दान आदि करने का अधिकार प्रदान करता है।

कब कर सकती हैं महिलाएं श्राद्ध (When Can Women Perform Shraddha)

यह पूरी तरह से नहीं कहा गया है कि महिलाएं श्राद्ध नहीं कर सकतीं। वास्तव में, कुछ शास्त्रीय और आधुनिक विद्वानों की मान्यता है कि जब परिवार में पुरुष नहीं हो, जैसे कि किसी महिला की कोई संतान न हो या केवल बेटी हो, ऐसी स्थिति में बेटी या महिला श्राद्ध कर सकती है। इसके अलावा अगर, पुरुष अनुपस्थित हों तो स्त्रियां भी यह कर्म विधिपूर्वक कर सकती हैं।

माता सीता ने किया था पिंडदान (Mother Sita Performed Pind Daan)

रामायण काल की एक एक प्रसिद्ध कथा है, जहां माता सीता ने स्वयं राजा दशरथ का पिंडदान किया था। जब भगवान राम और लक्ष्मण, अपने पिता का श्राद्ध करने के लिए सामग्री की तलाश में थे, तब माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ की आत्मा के लिए फाल्गू नदी के किनारे बालू का पिंड बनाकर उनका पिंडदान किया था।