
Ramadan Mubarak 2021 : मुस्लिमों के लिए रमजान का महीना पाक महीना माना जाता है। इस महीने में मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा रखते हैं और अपने गुनाहों की अल्लाह से माफी मांग कर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। इस पूरे महीने में मुस्लिम अल्लाह की इबादत करते हुए रोजा रखने सहित कुरान में बताए गए सभी नियमों का पालन करते हैं। रोजा रखने वालों को सहरी और इफ्तार के समय का खास ध्यान रखना होता है।
क्या है सहरी और इफ्तार
रमजान के पाक महीने में सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त कर रोजा रखने वालों को अपनी भूख-प्यास का नियंत्रण करते हुए अल्लाह को याद करना होता है। सुबह होने से पहले रोजेदार को सहरी करना अनिवार्य होता है यानि रोजे की शुरूआत करना। शाम को रोजे का खात्मा इफ्तार के साथ किया जाता है। सहरी का समय सूर्योदय का समय तथा इफ्तार का समय सूर्यास्त का समय होता है। इस बार पहला रोजा 14 अप्रैल 2021 को रखा जा रहा है। इस दिन सहरी का वक्त सुबह चार बजकर तेरह मिनट का है जबकि इफ्तार का समय शाम छह बजकर 21 मिनट पर होगा। 14 अप्रैल के रोजे को इस वर्ष का सबसे छोटा रोजा माना जा रहा है।आमतौर पर भारत में रोजा सऊदी अरब से एक दिन बाद मनाया जाता है।
रमजान में करना होता है इन नियमों का पालन
- हर रोजेदार को रमजान के महीने में न केवल अपने गुनाहों के लिए माफी मांगनी होती है वरन उसे हमेशा के लिए गुनाहों से दूर रहने का भी संकल्प लेना होता है।
- इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के महीने को नेकियों का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में की गई हर नेकी का फल कई गुणा मिलता है, इसलिए इस महीने में यथासंभव अच्छे काम करने चाहिए।
- रमजान के पूरे महीने में रोजेदार को नियमित रूप से दिन में पांच बार की नमाज पढ़नी चाहिए और शाम को खजूर खाकर इफ्तार खोलना चाहिए।
Published on:
13 Apr 2021 11:22 pm
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