
जानिए रावण को रावण किसने कहा?
Ravana: रामायण ग्रंथ का भगवान राम के बाद सबसे चर्चित और अहम किरदार लंकापित रावण का माना जाता है। इनको राक्षस राज, दशानन , लंकेश जैसे अनेक नामों से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लकांधिपति रावण को रावण नाम किसने दिया था? और उनका वास्तविक नाम क्या था ? आइए जानते हैं रावण नाम पीछे की रोचक कहानी।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रावण ने देवाधि देव महादेव की असीम तपस्या की थी। उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया। मान्यता है कि रावण ने अपने 9 सिरों को काट कर भगवान शिव की चढ़ा दिया। महादेव रावण की भक्ति से खुश हुए और उसे शक्तियां प्रदान कीं।
मान्यता है कि एकबार रावण भगवान शिव की दी हुई शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए कैलाश पर्वत को उठाने का प्रयास किया। जब कैलाश पर्वत हिलने लगा तो पर्वत पर रहने वाले चराचर जीवों में हड़कंप मच गया और वह भगवान शिव के पास पहुंचे। भगवान शिव यह देखकर क्रोधित हो गए और अपने अंगूठे से पर्वत को नीचे दबा दिया। रावण इस भारी दबाव में पीड़ा से कराहने लगा और जोर-जोर चिल्लाने लगा। उसकी कराहट और चीख सुनकर भगवान शिव ने उसे रावण नाम दिया। यही वजह से भगवान शिव ने रावण को रावण नाम दिया था। इससे पहले रावण को दशग्रीव के नाम से जाना जाता था।
माना जाता है कि इस घटना के बाद रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तांडव स्तोत्र की रचना की। इसके बाद शिव से वरदान प्राप्त किया। शिव के इस वरदान ने उसे अपार शक्ति और लंका पर राज करने का सामर्थ्य दिया। हालांकि रावण का यह नाम उसकी अद्वितीय भक्ति और अहंकार दोनों का प्रतीक बन गया।
रावण भगवान शिव का महान भक्त था और उसने शिवलिंग की स्थापना भी की थी।
रावण ने कई वेदों और शास्त्रों का अध्ययन किया था। उसे ब्रह्मज्ञानी भी कहा जाता है।
रावण के दस सिर उसके ज्ञान और शक्ति का प्रतीक थे।
ये भी पढ़ें-Ramayana: कौन थी भगवान राम की बहन, जानिए क्या था नाम
Published on:
22 Nov 2024 06:07 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
