
गणेशजी
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी यानी द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi) हो, गणेशोत्सव या गणेश जी से संबंधित कोई व्रत, जब आप गणेशजी की पूजा कर रहे हैं तो पार्वती नंदन के इन मंत्रों को पढ़ना चाहिए। ये असरकारी श्रीगणेश मंत्र पार्वती नंदन को आसानी से प्रसन्न कर देते हैं। इन शीघ्र फलदायी मंत्रों से विघ्न, आलस्य, रोग से छुटकारा मिलता है।
गणपति का बीज मंत्र गं है, इससे जुड़ा मंत्र है ऊँ गं गणपतये नमः, इस मंत्र के जाप से भक्त की मनोकामना की पूर्ति होती है।
गणेशजी षडाक्षर मंत्र ऊँ वक्रतुंडाय हुम् आर्थिक प्रगति और समृद्धि देने वाला है।
पुरोहितों के अनुसार विभिन्न प्रकार की कामना पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करनी चाहिए। उच्छिष्ट गणपति का मंत्र -ऊँ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा का जाप करना चाहिए। इसका जाप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, ताम्बूल, सुपारी रखना चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। इसमें पवित्रता-अपवित्रता का विशेष बंधन न होने से आसान हो जाती है।
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आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न से छुटकारा पाने के लिए गणपति के विघ्नराज रूप की आराधना करनी चाहिए। इसका मंत्र है-गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः।
जानकारों के अनुसार विघ्न को दूर करने, धन और आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरंब गणपति के मंत्र का जाप करना चाहिए। इसका मंत्र ऊँ गं नमः है।
जानकारों के अनुसार बेरोजगारों को शीघ्र रोजगार प्राप्ति और आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जाप करना चाहिए। लक्ष्मी विनायक मंत्र ऊँ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा का जाप करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे शीघ्र समस्या का निदान मिलता है। इसके साथ ही भक्त के अनुकूल जीवनसाथी मिलता है। यह मंत्र है-ऊँ वक्रतुंडैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
Updated on:
11 Sept 2024 01:51 pm
Published on:
08 Feb 2023 04:19 pm
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