scriptkrishna janmashtami 2019 : इस सुंदर कृष्ण स्तुति का पाठ करने से हो जाती है हर मनोकामना पूरी | shri krishna kripa kataksha stotra path in hindi | Patrika News

krishna janmashtami 2019 : इस सुंदर कृष्ण स्तुति का पाठ करने से हो जाती है हर मनोकामना पूरी

locationभोपालPublished: Aug 16, 2019 06:04:58 pm

Submitted by:

Shyam

krishna janmashtami : श्रीकृष्ण भगवान का विधिवत पूजन-अर्चन करने के बाद इस कृपाकटाक्ष स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं भगवान वासुदेव कृष्ण पूरी कर देते हैं।

Shree krishna janmashtami 2019

krishna janmashtami 2019 : इस सुंदर कृष्ण स्तुति का पाठ करने से हो जाती है हर मनोकामना पूरी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अनन्तकोटि तेज स्वरूप श्रीकृष्ण भगवान का विधिवत पूजन-अर्चन करने के बाद इस कृपाकटाक्ष स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं भगवान वासुदेव कृष्ण पूरी कर देते हैं। इस कृष्णाष्टक स्त्रोत की सुंदर रचना भगवान श्रीशंकराचार्य ने की थी। इस साल 2019 में जन्माष्टमी का पर्व 23 एवं 24 अगस्त को मनाया जायेगा।

 

भादों माह में कृष्ण जन्माष्टमी सहित ये प्रमुख व्रत और पर्व-त्यौहार है

 

।। श्रीकृष्ण प्रार्थना ।।

मूकं करोति वाचालं पंगु लंघयते गिरिम्।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्।।
नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदये न च।
मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद।।

।। अथ श्रीकृष्ण कृपाकटाक्ष स्तोत्र ।।

1- भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं,
स्वभक्तचित्तरंजनं सदैव नन्दनन्दनम्।
सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं,
अनंगरंगसागरं नमामि कृष्णनागरम्॥

2- मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं,
विधूतगोपशोचनं नमामि पद्मलोचनम्।
करारविन्दभूधरं स्मितावलोकसुन्दरं,
महेन्द्रमानदारणं नमामि कृष्ण वारणम्॥

3- कदम्बसूनकुण्डलं सुचारुगण्डमण्डलं,
व्रजांगनैकवल्लभं नमामि कृष्णदुर्लभम्।
यशोदया समोदया सगोपया सनन्दया,
युतं सुखैकदायकं नमामि गोपनायकम्॥

4- सदैव पादपंकजं मदीय मानसे निजं,
दधानमुक्तमालकं नमामि नन्दबालकम्।
समस्तदोषशोषणं समस्तलोकपोषणं,
समस्तगोपमानसं नमामि नन्दलालसम्॥

 

23-24 अगस्त 2019 को है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, अभी से कर लें ऐसी सुंदर व सरल पूजा की तैयारी

 

5- भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं,
यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम्।
दृगन्तकान्तभंगिनं सदा सदालिसंगिनं,
दिने-दिने नवं-नवं नमामि नन्दसम्भवम्॥

6- गुणाकरं सुखाकरं कृपाकरं कृपापरं,
सुरद्विषन्निकन्दनं नमामि गोपनन्दनं।
नवीन गोपनागरं नवीनकेलि-लम्पटं,
नमामि मेघसुन्दरं तडित्प्रभालसत्पटम्।।

7- समस्त गोप मोहनं, हृदम्बुजैक मोदनं,
नमामिकुंजमध्यगं प्रसन्न भानुशोभनम्।
निकामकामदायकं दृगन्तचारुसायकं,
रसालवेणुगायकं नमामिकुंजनायकम्।।

8- विदग्ध गोपिकामनो मनोज्ञतल्पशायिनं,
नमामि कुंजकानने प्रवृद्धवह्निपायिनम्।
किशोरकान्ति रंजितं दृगंजनं सुशोभितं,
गजेन्द्रमोक्षकारिणं नमामि श्रीविहारिणम्।।

 

पारसी नववर्ष ‘नवरोज’ : पहले करते हैं घर पे नास्ता और बाद में जाते हैं मंदिर, अद्भूत है आस्था, उल्लास, उमंग का यह त्यौहार

 

अथ स्त्रोत्रम शुभ फलम्

यदा तदा यथा तथा तथैव कृष्णसत्कथा,
मया सदैव गीयतां तथा कृपा विधीयताम्।
प्रमाणिकाष्टकद्वयं जपत्यधीत्य यः पुमान्,
भवेत्स नन्दनन्दने भवे भवे सुभक्तिमान॥

ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी के देिन जो भी भक्त भगवान श्रीकृष्ण के सामने गाय के घी का दीपक जालाकर, पीले रंग के आसन पर बैठकर, “ऊँ नमो भगवते वासुदेव” उक्त मंत्र का 108 बार जप करने के बाद उपर दी गई श्रीकृष्ण स्तुति का पाठ करते हैं उनकी एक साथ कई इच्छाएं कान्हा जी पूरी कर देते हैं।

********

Shree krishna janmashtami 2019
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो