Shivling Jalabhishek Niyam: सावन में भगवान शिव की पूजा दुख दर्द से छुटकारे का रामबाण उपाय है। इसमें भगवान शिव का सावन में सोमवार, त्रयोदशी और शिवरात्रि का जलाभिषेक सबसे महत्वपूर्ण है। मान्यता है इस समय मात्र एक लोटा जल से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और मनोकामना पूरी कर कष्ट से मुक्त कर देते हैं। लेकिन शास्त्रों में भगवान शिव को जल चढ़ाने के नियम बताए गए हैं।
इसके अनुसार भगवान शिव को जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। मान्यता है कि सही दिशा में खड़े होकर भगवान शिव को जल चढ़ाने से ही वे प्रसन्न होते हैं, गलत तरीके से या गलत दिशा में खड़े होकर भगवान शिव को जल चढ़ाने से वो नाराज भी हो सकते हैं। इसलिए जान लें भगवान शिव को जल चढ़ाते समय किस दिशा में खड़ा होना उन्हें प्रसन्न करेगा।
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भगवान शिव की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। भक्त को शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्व दिशा को भगवान शिव के लिए मुख्य द्वार माना जाता है। ऐसे में इस दिशा में मुंह करके जल जढ़ाने से महादेव नाराज हो सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को जल अर्पित करते समय कभी भी मुंह उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन दिशाओं में भगवान शिव की पीठ, कंधा आदि होता है। इसलिए इन दिशाओं में मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त नहीं होता। आइये जानते हैं जलाभिषेक के समय किस दिशा में हो भक्त का मुंह ..
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3. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद कभी भी भगवान शिव की पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव को अर्पित किया गया जल लांघना अच्छा नहीं माना जाता है।
4. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि छोटी धारा के रूप में जल अर्पित करना चाहिए और इस दौरान ऊं नमः शिवाय या नीचे लिखे मंत्र जपते रहना चाहिए।
नमः शंभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
तत्पुरषाय विद्म्हे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।।
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4. अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि अर्पित करें, मिठाई का भोग लगाएं।
5. धूप-दीप जलाकर आरती करें। भगवान के मंत्रों का जाप करें। शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप कर सकते है।
सोमवार रात को एक साफ पात्र में दूध ले लें। इसमें एक चांदी का सिक्का और थोड़ा सा शहद डालें और इस पात्र को चंद्रमा की रोशनी में रखें। अब इसके सामने बैठकर शिवजी के मंत्र ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय का जाप करें। मंत्र जप के बाद इस दूध को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। इससे आर्थिक तंगी और दरिद्रता दूर होगी।
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Updated on:
05 Aug 2024 04:12 pm
Published on:
30 Jul 2024 02:05 pm