
साल का अंतिम सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019 : जानें ग्रहण, सूतक का समय और सावधानी
साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019 दिन गुरुवार को लगेगा। इस सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि ऐसा संयोग 1200 साल बाद बन रहा है। पाँच ग्रहों की युक्ति वाले इस ग्रहण का महत्व बहुत ज़्यादा स्वतः ही हो जाता है। 26 दिसंबर को लगने वाले सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि इस बार सूर्यग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक प्रारंभ हो जाएगा। यानि की 25 दिसंबर को सूर्यास्त के समय से प्रारंभ होगा। साल के इस अंतिम सूर्यग्रहण के दिन ये सावधानी जरूर रखें। जानें सूर्य ग्रहण की पूरी जानकारी।
साल के अंतिम सूर्यग्रहण का समय
साल 2019 के अंतिम सूर्यग्रहण 2 घंटे 52 मिनट का रहेगा। स्पर्शकाल 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। यह अंतिम सूर्यग्रहण भारत में खंडग्रास सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। भारत के अलावा कुछ अन्य देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
सूर्यग्रहण का सूतक
साल के अंतिम सूर्यग्रहण का सूतक बुधवार 25 दिसंबर को सूर्यास्त के बाद रात 8 बजे से शुरू हो जाएगा। सूर्यग्रहण का सूतक लगते ही देश के सभी धार्मिक मंदिरों में पूजा अर्चना होना बंद हो जाएगी एवं जल्द ही शयन आरती के बाद मंदिरों के दरवाजे बंद हो जाएंगे। सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद 26 दिसंबर को सुबह 11 के बाद मंदिर शुद्धिकरण के बाद मंदिर में पूजा आरती होगी।
सूर्यग्रहण में ऐसा जरूर करें
25 दिसंबर बुधवार को ही मंगल का राशि परिवर्तन हो रहा है औऱ वह तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहा है। इसके अलावा गुरुवार 26 दिसंबर को सूर्यग्रहण के साथ ही धनु राशि में केतु के साथ कुल 6 ग्रहों की युति भी हो रही है, जिसका अशुभ प्रभाव सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व सामरिक हर दृष्टि पड़ सकता है। ग्रहण काल की इस अवधी में अपने गुरु मंत्रों का जप, श्रीगणेश व आदित्य स्त्रोत का पाठ करने के साथ माँ दुर्गा के बीज मंत्रों का जप भी करें।
सूर्यग्रहण काल की सावधानी
- सूर्यग्रहण काल में पूजा-पाठ, मंत्र जप आदि स्थूल रूप में न करके सुक्ष्म रूप किया जा सकता है।
- सूर्यग्रहण काल में किसी मंत्र या तंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ आदि करने में कोई दोष नही लगता।
- सूर्यग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नही निकलना चाहिए।
ग्रहण काल में दान के लाभ
सूर्यग्रहण के दौरान किए गए किसी भी प्रकार के दान का फल अक्षय होता है। इस अवधि में दान करने से राहु, केतु और शनि के अशुभ प्रभावों से रक्षा होती है। सूर्यग्रहण काल में काले और भूरे रंग के कंबल या जूतों का दान करने से अनेक तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
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Updated on:
25 Dec 2019 03:41 pm
Published on:
25 Dec 2019 03:30 pm
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