
संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे हैं विशेष योग (photo- grok ai)
Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू पंचांग में आश्विन माहीनें को बेहद खास माना गया है। इस महीने में दो बड़े पर्व आते हैं। पहला पितृ पक्ष और दूसरा शारदीय नवरात्र। पितृ पक्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, वहीं शारदीय नवरात्र शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान भक्त माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति प्राप्त होती है।
इसी महीने में एक और महत्वपूर्ण व्रत आता है जिसे विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित होता है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता कहा जाता है और मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और खास कामों में सफलता मिलती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का समापन करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि वर्ष 2025 में 10 सितंबर, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 11 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इस दिन चंद्र दर्शन का शुभ समय रात 8 बजकर 06 मिनट पर होगा।
इस बार की संकष्टी चतुर्थी और भी खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग एक साथ ही बनने जा रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार इस दिन वृद्धि योग, ध्रुव योग और शिववास योग का संयोग रहने वाला है। मान्यता है कि इन योगों में गणेश जी की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
Published on:
04 Sept 2025 02:58 pm
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