
Surya Dev ke upay
सूर्य देव को जहां सनातन संस्कृति के आदि पंच देवों में स्थान प्राप्त है, वहीं ज्योतिष में इन्हें ग्रहों का Surya : The king of planets राजा व कुंडली में आत्मा तक का कारक माना गया है। इसके अलावा Jyotish ज्योतिष के अनुसार किसी भी तरह के मान सम्मान या अपमान के कारक भी यही सूर्य देव होते हैं।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार कई बार weak surya in kundali सूर्य के कमजोर होने या surya inauspicious अशुभ होने के चलते जातक कुछ ऐसी स्थितियों में फंस जाता है, जहां से वह चाहकर भी बाहर नहीं निकल पाता। जिसके कारण वह डर जाता हैं और घबरा कर कई बार तो अपने कार्य और बिगाड़ लेता है।
ऐसे में जानकारों का यह भी कहना है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर एक ऐसा उपाय है जिसे करने से न केवल जातक को राहत मिलती है, बल्कि वह अपने आप उस बुरी स्थिति से धीरे धीरे बाहर आ जाता है।
माना जाता है कि यह एक ऐसा उपाय है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। लेकिन Surya Dev Remedies सूर्यदेव के इस उपाय को लेकर एक नियम भी है, जिसके तहत जो कोई भी इस उपाय को अपनाता है उसे ये उपाय लगातार 7 Sunday: The Day Of Surya Dev रविवार तक करना होता है।
इस उपाय के तहत जातक को रविवार से एक दिन पहले एक तांबे का लौटा, नारियल, पूजा सुपारी, पांच बत्ती वाला दीपक और चांदी का सिक्का लाना होता हैं।
इसके बाद Sunday Surya puja रविवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जमीन पर पहला कदम रखने के पहले सूर्यदेव का ध्यान करें। इसके बाद स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत होकर तैयार हो जाएं।
अब एक बड़ी सी थाली लें और उसके ऊपर एक तांबे का लौटा, नारियल, पूजा सुपारी, पांच बत्ती वाला दीपक और चांदी का सिक्का रख लें। इस बात का ध्यान रहे कि पांच बत्ती वाले दीपक को घी से प्रज्वलित करना हैं। अब जैसे ही सूर्य उदय हो आप इन सभी सामग्रियों को लेकर बाहर या छत पर चले जाएं।
यहां इस तरह से खड़े रहें कि सूर्य की सभी किरणें आपके ऊपर आ रही हो। इस दौरान पैरों में जूते या चप्पल न हो।
अब सबसे पहले थाली में चांदी के सिक्के के ऊपर पूजा सुपारी रखें व उनके ऊपर कुमकुम लगा लें। फिर नारियल को जल से भरे तांबे के लौटे के ऊपर रख दें। इसके बाद हाथ में पांच बत्ती वाला दीपक लेकर सूर्यदेव की आरती करें।
आरती होने के बाद अपने स्थान पर चार या सात बार घूमे यानि एक ही स्थान पर रहकर परिक्रमा करें।
इसके बाद लौटे पर रखे नारियल को सूर्यदेव के सामने ही फोड़ दें। अब उसी लौटे में रखे पानी को सूर्यदेव को अर्पित करते हुए अपनी समस्या भी सूर्यदेव के सामने रखें।
अब इस फोड़े गए नारियल को अपने घर परिवार में बांटकर खुद भी खा लें।
वहीं चांदी के सिक्के और पूजा की सुपारी को तिजोरी या पूजा घर में रख दें। अब अगले लगातार 6 और रविवार तक यही प्रक्रिया दोहराएं। इस दौरान सुपारी और सिक्का आप पहले वाला इस्तेमाल कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में worship of surya dev सूर्य देव की उपासना का काफी महत्व है। ऐसे में कई बार चाहकर भी किन्हीं कारणोंवश हम सुबह के समय सूर्य देव का पूजन नहीं कर पाते हैं। जिसके बाद समय मिलने पर हमें लगता है कि अब तो सूर्य आराधना का समय ही निकल गया है।
लेकिन ज्योतिष के कई जानकारों के अनुसार ऐसी सोच जानकारी के अभाव के कारण होती है। क्योंकि इनके अनुसार सूर्यास्त से पहले तक कभी भी आप सूर्य देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इनके अनुसार ऐसा करने के लिए धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव के कुछ मंत्रों का उल्लेख भी मिलता है...
जिसके अनुसार इन मंत्रों का उच्चारण करने से शिक्षा से लेकर कॅरियर तक में हर तरह की मुमकिन सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा इन मंत्रों के बारे में यह भी कहा जाता है कि अगर मधुर लालिमा वाले सूर्य देव के सामने इन मंत्रों का जाप किया जाए तो इनका दोगुना फल मिलता है।
वहीं यह भी बताया जाता है कि यदि सुबह इन मंत्रों का जाप नहीं किया जा सके, तो संध्या के समय सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें और पूरी श्रद्धा के साथ किसी भी एक मंत्र का जप करें।
ॐ सूर्याय नम: ।, ॐ आदित्याय नम: ।,ॐ भास्कराय नम:।,ॐ रवये नम: ।,ॐ मित्राय नम: ।,ॐ खगय नम: ।,ॐ भानवे नम:,ॐ पुष्णे नम: ।,ॐ मारिचाये नम: ।, ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।, ॐ सावित्रे नम: ।, ॐ आर्काय नम: ।
Published on:
04 Jul 2021 02:59 am
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