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अधिक मास में राशि अनुसार करें पूजा व दान, साथ ही जानें क्या मिलता है फल

- इस माह में पूजा-पाठ, जप-तप और दान का विशेष महत्व

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Deepesh Tiwari

Jul 22, 2023

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अधिकमास जिसका दूसरा नाम पुरुषोत्तम मास भी है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि यह पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु का समर्पित है। ऐसे में इस साल अधिकमास सावन महीने में लगा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। ज्ञात हो कि इस बार अधिकमास की शुरुआत मंगलवार 18 जुलाई 2023 से हुई है और वहीं इसका समापन बुधवार 16 अगस्त 2023 को होगा। जिसके बाद फिर सावन का दूसरा चरण शुरु हो जाएगा।

अधिकमास में भले ही शुभ-मांगलिक कार्यों को वर्जित माना गया है, लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ, जप-तप और दान का विशेष महत्व होता है। पंडितों व ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, अधिकमास में अगर आप अपनी राशि के अनुसार दान करते हैं, तो इससे ग्रह-दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

तो चलिए जानते हैं राशि के अनुसार, अधिकमास में किन चीजों का दान आपके लिए श्रेसकर माना गया है...

1. मेष राशि - राशिचक्र की इस पहली राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास में मालपुआ, घी, चांदी, लाल वस्त्र, केला, अनार, तांबा, मूंगा और गेंहू का दान करना विशेष माना गया है।

2. वृषभ राशि- राशिचक्र की इस दूसरी राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें सफेद वस्त्र, चांदी, सोना, मालपुआ, मावा, शकर, चावल, केला, मोती आदि का करना विशेष फलदायी माना गया है।

3. मिथुन राशि - राशिचक्र की इस तीसरी राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें पन्ना, मूंग दाल, तेल, कांसा, केला, सिंदूर और साड़ी का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

4. कर्क राशि - राशिचक्र की इस चैथी राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें मोती, चांदी, मटका, तेल, सफेद वस्त्र, गाय, मालपुआ, मावा, दूध, चावल आदि दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

5. सिंह राशि - राशिचक्र की इस पांचवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें लाल वस्त्र, तांबा, पीतल, सोना, चांदी, गेंहू, मसूर दाल, माणिक्य रत्न, धार्मिक पुस्तकें और अनार का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

6. कन्या राशि - राशिचक्र की इस छठी राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें हरी मूंग दाल, सोना, केले का दान करना चाहिए, इसके साथ ही इन लोगों के लिए गौशाला में घास का दान करने या गाय को हरी घास खिलना भी विशेष फलदायी माना गया है।

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7. तुला राशि - राशिचक्र की इस सातवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें सफेद वस्त्र, मालपुआ, मावा, चीनी या मिश्री, चावल और केले का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

8. वृश्चिक राशि - राशिचक्र की इस आठवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें लाल वस्त्र, मौसमी फल, अनार, तांबा, मूंगा और गेंहू का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

9. धनु राशि - राशिचक्र की इस नवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें पीले कपड़े, चने की दाल, लकड़ी का सामान, घी, तिल, अनाज और दूध आदि का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

10 /11. मकर और कुंभ राशि - राशिचक्र की इस दसवीं व ग्याहरवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें तेल, दवाइयां, नीले कपड़े, औजार, लोहा, मौसमी फल का आदि का दान विशेष फलदायी माना गया है।

12. मीन राशि - राशिचक्र की इस बारहवीं राशि के जातकों द्वारा अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास मेें पीले वस्त्र, चने की दाल, घी, दूध और दूध से बनी मिठाईयां दान विशेष फलदायी माना गया है।

मान्यता है कि राशि अनुसार किए गए ये दान जातक के जीवन में सुख समृद्धि लाने के अलावा ही उसके दुखों का भी अंत करते हैं। ऐसे में जातक के समक्ष आ रही परेशानियां तो दूर होती ही है साथ ही धन का आगमन भी बढने के अलावा घर में प्रेम का माहौल निर्मित होने लगता है।


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सभी राशि के जातकों को दान के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-
दरअसल हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व माना गया है, परंतु इसके साथ ही दान देने के कुछ जरूरी नियम भी हैं, जिसका पालन करने पर ही इसका फल प्राप्त होता है।

ये हैं नियम-
- सबसे खास बात ये है कि किसी भी चीज का दान सदैव अपने सामथ्र्य के अनुसार ही करें।
- दान कभी भी दिखावे के लिए न करें, दान सदैव गुप्त तरीके से करना चाहिए। इसी के चलते यह तक कहा जाता है कि दान इस तरह करें कि एक हाथ से देंने पर दूसरे हाथ को भी पता नहीं चलें।
- दान हमेशा ही सूर्यास्त से पूर्व ही करना चाहिए, कारण ये है कि सूर्यास्त के बाद किए गया दान का कोई अर्थ नहीं होता है।
- यहां ये बात भी जान लें कि कुछ खास दान सूर्यास्त के बाद भी किए जा सकते हैं, ये दान यज्ञ, विवाह, संक्रांति और ग्रहण के दौरान ही किए जा सकते हैं।