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करोड़ों खर्च के बाद भी नागरिकों को नहीं मिल रहा पार्क का लाभ

dholpur; बाड़ी. कस्बे में एकमात्र सार्वजनिक महाराणा प्रताप पार्क की हालत दयनीय बनी हुई है। यह उद्यान अब घूमने वालों से ज्यादा असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। जबकि इस उद्यान के निर्माण में करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च हो चुकी है।

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 Citizens are not getting the benefit of the park even after spending crores

करोड़ों खर्च के बाद भी नागरिकों को नहीं मिल रहा पार्क का लाभ

dholpur; बाड़ी. कस्बे में एकमात्र सार्वजनिक महाराणा प्रताप पार्क की हालत दयनीय बनी हुई है। यह उद्यान अब घूमने वालों से ज्यादा असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। जबकि इस उद्यान के निर्माण में करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च हो चुकी है। तीन साल पूर्व भी उक्त पार्क का सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्माण कराया गया था। जिसमें विभिन्न आधुनिक मशीनों के साथ साथ पैदल ट्रैक मार्ग सहित अन्य सुविधाओं को देने का काम किया गया था।

करीब तीन वर्ष पूर्व पार्क में के समय 25 लाख रुपए की घास बिछाई गई थी। जो उस समय चर्चा का विषय रही थी। 25 लाख की घास से पार्क निर्माण में हुए खर्चे का अनुमान लगाया जा सकता हैं जो कि पूरा तकरीबन करोड़ों रुपए में जाता है। उक्त पार्क की देखभाल के लिए नगर पालिका को अधिकृत किया गया था। नगरपालिका ने उक्त पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया था लेकिन बिना किसी देखरेख के इस पार्क की हालत खराब बनी हुई है।

ओपन जिम उपकरण हुए चोरी

पार्क को जीर्णोंद्धार के समय घूमने आने वाले लोगों के लिए ओपन जिम उपकरण भी लगाए गए थे। लेकिन उन उपकरण में से आधे से ज्यादा चोरी हो चुके हैं तो बाकी खराब पड़े हुए हैं। जिनका किसी भी तरह से कोई उपयोग नहीं हो सकता। बिना देखरेख के चलते करोड़ों के बजट से बना पार्क फिर खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

पीने तक का पानी नहीं, बाउंड्री वाल भी टूटी

सार्वजनिक पार्क में पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं हैं। लेकिन बाड़ी के महाराणा प्रताप खेल मैदान में यह बात बिल्कुल सही है कि यहां पीने तक का पानी नहीं है और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं हैं। हालात इतने खराब है कि पार्क की बाउंड्री वाल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं जिसमें आवारा जानवरों के साथ- साथ असामाजिक तत्व के लोग आ जाते हैं।

रात में होती है पार्टियां

यह पार्क आम नागरिकों से ज्यादा कुछ लोगों के लिए मौज-मस्ती और शराब पीने के काम आ रहा हैं। इन लोगों के लिए पसंदीदा जगह बन चुकी हैं। जैसे ही शाम ढलती है यहां शराब सेवन करने वाले एकत्रित हो जाते हैं। जिसके चलते आम नागरिक उक्त पार्क में जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। उधर, शहर में रात के समय सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।

-------पालिका की ओर से बजट का इस तरह से नुकसान करना बेहद ही दुखदाई है। लोग अपनी गाड़ी कमाई से टैक्स देते हैं जिसके चलते उन्हें सुविधाएं देना स्थानीय प्रशासन का दायित्व है। मगर भ्रष्टाचार की भेंट में सब कुछ चढ़ चुका है।

- अमर सिंह परमार, समाज सेवी

पार्क में सुरक्षा व्यवस्था ना होने से महिलाएं तथा युवतियां किसी भी तरह से इसका इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। जबकि स्थानीय प्रशासन को उक्त पार्क में कम से कम 2 महिला तथा 2 पुरुष कांस्टेबल तैनात करने चाहिए।- जगना खंा पहलवान, समाज सेवी

इतने बड़े पार्क में पीने तक के पानी की व्यवस्था ना होना भारी अव्यवस्था को दर्शाता है। घूमने आने वालों के लिए शौचालय भी ना होना स्वच्छ भारत मिशन का मजाक उड़ाता है।

- बंटी मीणा, समाज सेवी

पार्क निर्माण के समय मेंटेनेंस तथा उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी नगरपालिका की थी लेकिन उसकी जवाबदेही तय करने वाला वर्तमान में कोई भी आला अधिकारी नहीं दिखता जिससे लोग खासे नाराज हैं।- संतोष शर्मा, भाजपा नेता