आरटीडीसी करेगी प्रचार-प्रसार, भेजा प्रस्ताव प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का जिस तरह प्रचार प्रसार होता है। अब उसी तर्ज पर आरटीडीसी अन्य जिलों के पर्यटन स्थल, प्रसिद्ध और तीर्थस्थलों का प्रचार प्रसार का जिम्मा संभालेगी। अभी तक केवल जिला मुख्यालय या फिर राजधानी जयपुर तक ही प्रचार होकर रह जाता था। अब आरटीडीसी पर्यटन स्थलों का प्रचार प्रदेश से बाहर यूपी, एमपी, दिल्ली, गुजरात के बड़े महानगरों के स्टेशन व केन्द्रीय बस स्टैंड पर करेगी। जिससे पर्यटकों को राजस्थान की तरफ मोड़ा जा सके।
पिछते साल टूटे रेकॉर्ड, पहुंचे 23 करोड़ पर्यटक राजस्थान शुरू से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। वजह ऐतिहासिक किले, मंदिर और पुरानी हवेलियां इत्यादि रहे हैं। बीते साल 2024 में प्रदेश 23 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान घूमने आए। इसमें 23 करोड़ देशी और 20.72 लाख विदेशी पर्यटक शामिल थे। जबकि 2023 में 18.07 करोड़ और 2022 में 10.87 करोड़ पर्यटक भ्रमण करने आए।
प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर उमड़ रहे श्रद्धालु प्रदेश में कुछल सालों से धार्मिक पयर्टन स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिसमें श्रीनाथजी, पुष्कर मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, अजमेर शरीफ दरगाह, जयपुर का बिरला मंदिर, बीकानेर करणी माता मंदिर इत्यादि शामिल है। साथ ही ग्रामीण पर्यटन भी विदेशी पर्यटकों को खासा आकर्षिक कर रहा है।
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल प्रदेश में बीकानेर में करणी माता मंदिर, धौलपुर में मचकुण्ड, बांसवाडा अद्र्धनारेश्वर, अलवर भृर्तहरि मंदिर, पांडुपोल मंदिर, डूंगरपुर वाणेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर, टोंक बीसलदेव मंदिर, पुश्कर ब्रह्मा मंदिर, जोधपुर चामुंडा माताजी मंदिर, चामुंद्रा मंदिर भीलवाडा, झालावाड चंद्रभागा मंदिर, बंूदी धावई कुण्ड, शेखावाटी दिगम्बर जैन मंदिर, टोंक डिग्गी कल्याण जी मंदिर, जयपुर गलताजी मंदिर, करौली कैलादेवी मंदिर, भरतपुर बिहारी जी मंदिर, चितौडगढ़़ कालिका माता मंदिर, बाडमेर किराडू मंदिर, उदयपुर नागदा, माउंट आबू लाल मंदिर, जैसलमेर तनोत माता मंदिर, बारां सीतावाडी मंदिर, करौली श्रीमहावीर जी मंदिर, बारां शाहबाद फोर्ट, सवाईमाधोपुर घुश्मेश्वर महादेव मंदिर समेत कई प्रमुख धार्मिक स्थल प्रसिद्ध हैं।
धौलपुर में 4.78 करोड़ रुपए राशि होगी खर्च जिले को एक मजबूत सांस्कृतिक एवं आर्थिक पहचान दिए जाने के लिए पंच गौरव कार्यक्रम पर 4.78 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। जिले में एक जिला एक प्रजाति के तहत करंज वृक्ष, उपज आलू, खेल हॉकी, सैंड स्टोन कार्विंग एवं पर्यटन स्थल मचकुण्ड तीर्थ को चिन्हित किया है। इसमें मचकुण्ड सरोवर किनारे महिलाओं के चेंजिंग रूम निर्माण के लिए पुरातत्व विभाग ने 20 लाख रुपए की निविदा जारी की है। जिले में साल 2024 में 177490 देशी और 1807 विदेशी पर्यटक आए थे। जबकि साल 2023 में देशी 56334 और विदेशी 755 सैलानी आए।
इधर, पुराने कार्यों की नहीं हो रही सार संभाल उत्तर भारत में धौलपुर का मचकुण्ड तीर्थों का भांजा कहलाता है। यहां पर करीब 4 पहले करोड़ों रुपए की लागत से लाइट एंड साउंड शो, लाइट्स, सरोवर में रंगीन फाउंटेन इत्यादि शुरू हुए थे। लेकिन धीरे-धीरे ये सब बंद हो गए। आरटीडीसी का लाइट एंड साउंड शो भी 2024 से बंद पड़ा है। इससे अब पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। राजस्थान दिवस पर केवल परिषद ने ठेका पर लाइट जलवा कर काम चलाया था।
– पंच गौरव योजना के तहत धौलपुर के मचकुण्ड के विकास को लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। प्रदेश भर में प्रत्येक जिले से एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल को योजना में शामिल किया है। जिससे वह पर्यटन मानचित्र आ सकेगा और पर्यटन यहां पर भ्रमण करने पहुंचेंगे।
– संजय जौहरी, सहायक निदेशक, पयर्टन विभाग भरतपुर