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बरगद पेड़ के नीचे लगा दी क्लास, बच्चे सीख रहे अक्षर ज्ञान

समाज में कुछ लोग अपने-अपने हिसाब योगदान दे रहे हैं, जिससे सामाजिक तौर पर विकास हो सके। इसमें शिक्षक की भूमिका अलग स्थान रखती है।

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धौलपुर. मचकुण्ड पर बरगद पेड़ के नीचे पढ़ा रहे शिक्षक नरेन्द्र।

धौलपुर. समाज में कुछ लोग अपने-अपने हिसाब योगदान दे रहे हैं, जिससे सामाजिक तौर पर विकास हो सके। इसमें शिक्षक की भूमिका अलग स्थान रखती है। ऐसे ही एक शिक्षक हैं नरेन्द्र यादव जो वैसे तो पर्यावरण प्रेमी हैं और जिले में बरगद मैन के टाइटल से उन्होंने पहचान बनाई है। इसकी वजह से वह ज्यादातर बरगद के पौधे लगाते हैं। इसके अलावा वह ऐसे बच्चों को भी पढ़ाते हैं तो जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इनकी वह प्रतिदिन सुबह तीर्थस्थल मचकुण्ड स्थित मदन मोहन मंदिर के सामने पाठशाला लगाते हैं। यहां वह बच्चों को अक्षर ज्ञान दे रहे हैं। वे कहते हैं कि उनका प्रयास रहेगा, कि इन्हें स्कूलों से जोड़ा जाए। वह इनके अभिभावकों को भी समझाइश करते हैं। वे कहते हैं कि वह पेड़ लगाते मचकुण्ड पर आते-रहते हैं। यहां पर ये छोटे बच्चे सरोवर के पानी में फेंके पैसे तलाशते हुए दिखे। स्कूल को लेकर पूछा तो कहा कि वे नहीं जाते हैं। जिस पर धीरे-धीरे परिजनों से वार्ता की और यहां एक साथ बुलाकर पढ़ाना शुरू कर दिया।

बच्चों को लाने के लिए लगाया ई-रिक्शा

ज्यादातर बच्चे सडक़ किनारे रहने वाले घुमन्तू परिवारों के हैं। ये मचकुण्ड रोड, वाटरवक्र्स और गुलाब बाग के आसपास रहते हैं। क्लास तक बच्चों को लाने की समस्या दिखी जिस पर उन्होंने स्वयं के खर्चे पर एक ई-रिक्शा वाले को इन्हें लाने और छोडऩे के लिए लगा दिया। कुछ बच्चे झोर गांव के वह पैदल चले जाते हैं।

बरगद के नीचे बोर्ड लगा शुरू कर दी पढ़ाई

शिक्षक नरेन्द्र बच्चों को मचकुण्ड पर मदनमोहन मंदिर के सामने बरगद की छाव के नीचे पढ़ाते हैं। यहां उन्होंने एक बोर्ड रखा हुआ है और फर्श पर बच्चे बैठ जाते हैं। उनकी क्लास में 4 से लेकर 16 साल के बच्चे-बच्चियां हैं। वह प्रतिदिन सुबह 7 से 10 बजे तक पढ़ाते हैं और अवकाश के दिन सुबह 7 से दोपहर 1 एक बजे तक क्लास लेते हैं। उनकी इस शाकाहारी गुरुजी पाठशाला में करीब 45 बच्चे हैं लेकिन नियमित तौर पर 32 से 35 बच्चे आते हैं। साथ ही ड्रेस कोड भी बना रखा है। पिंक टी-शर्ट और ब्लू पेंट हैं।

महेश ने की पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण

पाठशाला में पढऩे आने वाले 16 वर्षीय छात्र महेश को उन्होंने बुनियादी साक्षरता परीक्षा दिलवाई, जिसमें वह उत्तीर्ण हो गया। महेश अब रुचि के साथ पढ़ता है और प्रतिदिन होमवर्क करके दिखाता है। शिक्षक नरेन्द्र ने बताया कि वह अब उसे 8वीं कक्षा उत्तीर्ण करवाने का पूर्ण प्रयास करेंगे। इसी तरह वह रश्मि को भी 5वीं की परीक्षा दिलवाएंगे। वे कहते हैं उन्हें इन बच्चों को पढ़ाने से आत्म संतुष्टि मिलती है।

अब खुले में शौच व पेशाब की तो खैर नहीं

सरमथुरा कस्बा में अब नगर पालिका ने एक फरमान जारी कर लोगों को आफत में डाल दिया है। हाल ही में पालिका प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शौच व पेशाब करने पर यूजर चार्ज लगाने के आदेश जारी किया हैं। यदि कोई व्यक्ति खुले में शौच व मूत्र करता हुआ मिलता है तो उससे जुर्माना राशि वसूल की जाएगी।
पालिका का फरमान सुनते ही लोगों की तकलीफ बढऩा स्वाभाविक है। उधर, शहर के मुख्य बाजार में सार्वजनिक शौचालय ही नहीं हैं। करौली तिराहाए बाड़ी रोड सहित पुलिस थाना, तहसील परिसर में कुछ बचे खुचे जो शौचलय हैं, वह गंदगी से अटे पड़े हैं। नगर पालिका ईओ दीपक गोयल ने सोमवार को पत्र जारी किया है, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन की ओर से राज्य सरकार के आदेश की पालना में क्षेत्र को ओडीएफ प्लस किए जाने को लेकर यदि कोई व्यक्ति खुले में शौच या मूत्र करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।