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वाहवाही लूटने खोल दिए अंग्रेजी विद्यालय, एक में शिक्षक नहीं और दो में पद रिक्त

Mahatma Gandhi English Medium School news dholpur:राजाखेड़ा. राज्य सरकार ने आमजन में वाहवाही लूटने के लिए तेजी से घोषणाएं तो कर दी लेकिन ये घोषणाएं अब गले की फांस बनती जा रही हैं। पिछले तीन वर्षों में राजाखेड़ा शहरी क्षेत्र के तीन विद्यालयों का दर्जा बदलकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम का कर दिया है।

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 English schools opened to loot applause, one does not have teachers and two posts are vacant

वाहवाही लूटने खोल दिए अंग्रेजी विद्यालय, एक में शिक्षक नहीं और दो में पद रिक्त

Mahatma Gandhi English Medium School news dholpur:राजाखेड़ा. राज्य सरकार ने आमजन में वाहवाही लूटने के लिए तेजी से घोषणाएं तो कर दी लेकिन ये घोषणाएं अब गले की फांस बनती जा रही हैं। पिछले तीन वर्षों में राजाखेड़ा शहरी क्षेत्र के तीन विद्यालयों का दर्जा बदलकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम का कर दिया है। लेकिन इनके हालात सामान्य विद्यालयों से भी बदतर होने के कारण अभिभावकों का मोहभंग होने लगा है। वहीं, लोगों में नाराजगी है, क्योंकि लोगों ने निजी विद्यालयों से अपने बच्चों को निकालकर इन विद्यालयों में दाखिल करवाया था लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव में वे स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

केस 1

उपखण्ड मुख्यालय के अम्बरपुर में महात्मा गांधी विद्यालय शिक्षक विहीन है। जहां लालपुर विद्यालय से एक व सिंघावली खुर्द से एक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया गया है। जो ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। यह हालात वर्तमान में नही वरण पिछले आधा दशक से दर्जा परिवर्तन से पूर्व से चली आ रही है। विद्यालय उच्च प्राथमिक था लेकिन इसका दर्जा इस सत्र में सीधे उच्च माध्यमिक कर दिया गया लेकिन शिक्षक एक भी आवंटित नहीं किया गया। विद्यालय का केचमेंट एरिया लगभग चार वार्डो का है लेकिन यंहा के अधिकांश छात्र छात्रएं निजी विद्यालयों में जाने को मजबूर है। अलसुबह 200 से अधिक विद्यार्थी राजाखेड़ा निजी विद्द्यालयो में आ रहे हैं। जबकि यहां सिर्फ गरीब वर्ग के 204 बालक बालिकाएं अध्ययनरत हैं जो निजी विद्यालय का शुल्क चुकाने में असमर्थ है और यहां पडऩा उनकी मजबूरी है।

केस 2

गड़ी चिंतामणि का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जहां अधिकांश विद्यार्थी पिछड़ा वर्ग के हैं। नामांकन भी साढ़े तीन सौ से अधिक है। बस अंग्रजी माध्यम के स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई ही नहीं हो रही है। इसकी वजह अंग्रेजी के साथ ही वाइस प्रिंसिपल, गणित, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान, लेवल प्रथम के दो पद भी लंबे समय से रिक्त हैं। लोगों को शिक्षा के लिए ललक इतनी है कि कीमती जमीनों को नागरिको ने दान कर विद्यालय बनवाया है लेकिन सरकार अपने दायित्व में विफल साबित हुई।

केस 3

शहरी मुख्यालय के महात्मा गांधी विद्यालय बेसिक को खुले भी 3 वर्ष हो चुके हंै। दर्जा भी उच्च माध्यमिक का हो चुका है लेकिन हालात इतने खराब है कि न प्रिंसीपल है और न अंग्रेजी के शिक्षक। साथ ही हिंदी, सोशल साइंस, लेवल प्रथम के तीनए शारीरिक शिक्षक, वरिष्ठ सहायक, कंप्यूटर अनुदेशक, वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में ये सभी विद्यालय अपने अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।

- राज्य सरकार के आदेशों की विभाग को पूर्ण पालना करनी है और कर रहे हैं। नियुक्ति तो सरकार का काम है - चरण सिंह, कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजाखेड़ा