
नाबालिग के अपहरण मामले में पांच वर्ष का कारावास
नाबालिग के अपहरण मामले में पांच वर्ष का कारावास
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने सुनाई सजा
धौलपुर. विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने राजाखेड़ा क्षेत्र के दिहौली पुलिस थाना इलाके में जुलाई 2015 में दर्ज हुए नाबालिग का अपहरण कर भगा कर ले जाने के मामले में एक मुल्जिम को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई हैं। पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मुकेश त्यागी ने सजा सुनाते हुए मुल्जिम को पांच हजार रूपए के अर्थ दंड से दण्डित भी किया हैं।
पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि दिहौली पुलिस थाना में 31 जुलाई 2015 को एक नाबालिग के पिता ने मामला दर्ज कराया था कि 29 व 30 जुलाई 2015 की दरम्यानी रात को उसकी नाबालिग पुत्री अपनी मां से शौंच की कह कर गई थी। जब एक घंटे तक वापिस नहीं लौटी तो उसने परिवारीजनों को जगाया। इस दौरान परिवारीजनों ने उसे तलाश किया तो उनकी पुत्री को जोगेंद्र पुत्र चिरोंजीलाल निवासी सीताराम की लामन थाना मंहगांव जिला भिंड मध्य प्रदेश अपने मामा बैजनाथ के सहयोग से भगा कर ले जाने की बात सामने आई। जिस पर दिहौली थाना पुलिस ने मुल्जिम जोगेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश
किया।
उक्त मामले पर विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में विचाराधीन चल रहा था। मामले में बुधवार को विशेष न्यायाधीश मुकेश त्यागी ने आरोपी जोगेंद्र को आईपीसी की धारा 36 3 और 36 6 में दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई हैं.साथ ही पांच हजार रूपये के अर्थ दंड से दण्डित भी किया हैं। जुर्माना राशि नहीं देने पर एक व दो महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
Published on:
31 Oct 2019 03:22 pm
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