दरअसल गिर्राज मंलिगा ने धौलपुर में बिजली विभाग के एक कार्यालय में घुसकर सहायक अभियंता हर्षाधिपति से बुरी तरह मारपीट की थी। उनके दोनो हाथ, दोनो पैर, कमर, रीढ़ की हड्डी में 22 जगह से हड्डी टूटी थी और कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। इस दौरान उनसे मिलने के लिए पूर्व सीएम गहलोत समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पहुंचे थे। भाजपा ने इस मामले को मुद्दा बनाया था और बाद में कई कर्मचारियों पर गाज गिरी थी। यह पूरा विवाद बिजली के ट्रांसफार्मर को हटाने को लेकर शुरू हुआ था और बाद में बढ़ता चला गया था।
मलिंगा जमानत पर चलते रहे। कभी हाईकोर्ट तो कभी उच्च न्यायालय से उनको राहत मिलती चली गई। लेकिन अब एक बार फिर मलिंगा की चर्चा है। बताया जा रहा है कि उनको सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के दौरान सरेंडर करने के आदेश दिए हैं।