
फाइल फोटो
पूर्वी राजस्थान का धौलपुर जिला बीहड़ और बागी के लिए बदनाम था, लेकिन अब अवैध बजरी के लिए भी कुख्यात हो रहा है। चंबल किनारे से सैंकड़ो टन अवैध बजरी निकल रही है और फायदा केवल बजरी माफिया उठा रहा है। अवैध बजरी परिवहन में पड़ोसी मध्यप्रदेश के मुरैना के बजरी माफिया भी खास भूमिका अदा कर रहे हैं। हालांकि पुलिस की पिछले कुछ समय से सख्ती बढ़ी है। शहर में अममून में दो से ढाई हजार ट्रैक्टर-ट्रॉली अब 5 से 6 हजार के भाव में बिक रही है।
बजरी लदे ट्रक व डंपरों को पुलिस की निगाह में आने से बचाने के लिए नम्बर प्लेट बदल देते हैं। धौलपुर से गुजरते समय वाहनों पर फर्जी नम्बर प्लेट रहती है और यूपी लौटते समय उसी वाहन पर दूसरी नम्बर प्लेट लगी रहती है। गत दिनों मनियां पुलिस ने इस तरह के 5 वाहनों को जब्त किया था।
राजस्थान व उत्तरप्रदेश में अन्य शहरों की तरह बिल्डिंग मटैरियल की दुकान पर बजरी बिक्री नहीं होती है। आमजन हो या ठेकेदार उन्हें बजरी के लिए माफिया से भी संपर्क करना होता है। ये ऑर्डर के हिसाब से बजरी सप्लाई करवाते हैं।
बजरी माफिया राजस्थान के हाईवे से लगे 28 किलोमीटर के दायरे की पल-पल निगरानी रखता है। बजरी लदे ट्रकों की कतार एमपी के मुरैना से रवाना होती है। ये लोग विशेषकर हाइवे से लगे चार थाने धौलपुर कोतवाली, निहालगंज, सदर और मनियां थाने की पुलिस गश्त पर निगाह रखते हैं। पुलिस गाड़ी नजर आने पर ये ट्रकों को ढाबों पर खड़े करवा देते हैं। ये एस्कॉर्ट यूपी बॉर्डर बरैठा तक रहती है।
अवैध बजरी परिवहन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त किए हैं। इसके अलावा बीहड़ से लगे रास्तों को खुदवाया है इससे वाहन नहीं निकल पाए।- सुमित मेहरड़ा, जिला पुलिस अधीक्षक धौलपुर
बजरी माफिया बजरी छिपाने के लिए ट्रकों पर ऊपरी परत पर डस्ट या फिर गिट्टी डाल देते हैं। पिछले दिनों सदर थाना पुलिस ने चोरी छिपे बजरी निकाल रहे चार वाहनों को जब्त किया था।
Published on:
08 Jan 2025 09:26 am
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