धौलपुर. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2 अप्रेल को हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत् 2079 का आरंभ होगा। इस बार संवत्सर का नाम नल रहेगा। नवसंवत्सर के राजा शनि होंगे और मंत्री गुरुदेव बृहस्पति होंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, जिस वार को नवसंवत्सर का आरंभ होता है, उस वार का अधिपति ग्रह वर्ष का राजा कहलाता है। इस बार शनिवार के दिन हिन्दू नववर्ष का आरंभ हो रहा है। इसलिए संवत्सर के राजा शनि होंगे।विक्रम संवत कब शुरु होता हैचैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिवस ही वासंती नवरात्र का प्रथम दिवस होता है। पुरातन ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारम्भ की थी। चैत्र मास ही नव वर्ष मनाने के लिए सर्वोत्तम है क्योंकि चैत्र मास में चारों ओर पुष्प खिलते है, वृक्षों पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारों ओर प्रकृति ही नव वर्ष मना रही हो। चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है तथा गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है। मनुष्य के लिए यह समय प्रत्येक प्रकार के वस्त्र पहनने के लिए उपयुक्त है। चैत्र में नया पंचांग आता है, जिससे प्रत्येक भारतीय पर्व, विवाह तथा अन्य मुहूर्त देखे जाते हैं। चैत्र मास में ही फसल कटती है तथा नया अनाज भी घर में आता है।विक्रम संवत को नव संवत्सर भी कहा जाता हैसंवत्सर पांच प्रकार का होता है। जिसमें सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, सावन तथा अधिक मास का समावेश किया गया है। यह 365 दिनों का होता है। इसका आरम्भ मेष राशि में सूर्य की संक्रांति से होता है। वही चंद्र वर्ष के मास चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ आदि हैं। इन महीनो का नाम नक्षत्रों के आधार पर रखा गया है। चन्द्र वर्ष 354 दिनों का होता है इसी कारण जो बढ़े हुए 10 दिन होते है वह चन्द्र मास में ही माने जाते हैं किन्तु, दिन बढऩे के कारण इन्हें अधिक मास कहा जाता है।