धौलपुर.केरल में मानसून के दस्तक के साथ जिले तक पहुंचने का काउंटडाउन प्रारंभ हो चुका है। लेकिन अभी तक नगर परिषद शहर के नालों और चेम्बरों की सफाई तक नहीं करा सका। सबसे बड़ी बात यह कि कोठी क्षेत्र के 16 नालों का टेण्डर को लेने किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। तो वहीं 15 से 16 कालोनियां ऐसी हैं जहां अभी चेम्बरों का सफाई कार्य शेष है।
मानसून की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मगर नगर परिषद के कराए जा रहे सफाई कार्य नाकाफी दिखाई पड़ रहे हैं। क्योंकि अभी शहर के आधे नालों की सफाई तक नहीं हो पाई है, परिषद जलनिकासी को बनाए जाने वाले नवीन नालों के टेण्डरों में ही उलझी हुई है। हालांकि एक्सईएन गुमान सिंह सैनी और एएसआई प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में शहर के नालों का सफाई कार्य कराया जा रहा है, मगर सालों से चौक यह नाले आसानी से साफ होने वाले नहीं। अगर समय रहते शहर के नालों और चेम्बरों की सफाई सहित जलनिकासी का कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो इस बार भी शहरवासियों को जलभराव से दो-दो हार करने पड़ सकते हैं।
बड़े नालों सहित 15 कालोनी में चेम्बर सफाई शेष पिछले वर्ष की तरह इस बार जलभराव न हो इसको लेकर नगर परिषद पिछले दो माह से ज्यादा समय से अपनी योजना पर कार्य कर रहा है। इस दौरान नालों और जगह-जगह हो रहे अतिक्रमण तक को हटाया गया। लेकिन मानसून अब नजदीक है पर अभी तक कार्य अधर में ही है। परिषद अभी तक कुछ क्षेत्रों से ही नालों की सफाई करा सका है, जबकि अभी बड़े नाले बड़े नाले पुराना शहर, पटपरा, बटऊपुरा, हरदेव नगर, कचहरी सहित जगन चौराहा, मदीना कालोनी और किरी सहित अन्य क्षेत्रों के नालों की सफाई शेष है। तो वहीं संसाधनों के अभाव के कारण 15 कालोनियों में अभी चेम्बर सफाई का कार्य भी होना शेष है। संसाधनों का अभाव नालों और चैम्बरों की सफाई कार्य में बाधा बन रहा है, क्योंकि छोटी मड पंप मशीन अभी भी खराब हालत में है तो बड़ी सुपर सकल मशीन के उपयोग में भी परेशानी खड़ी होती रहती है।
कोई नहीं ले रहा कोठी क्षेत्र का ठेका परिषद के सामने सबसे बड़ी परेशानी कोठी क्षेत्र को लेकर है, क्योंकि दो बार टेण्डर जारी होने के बाद अभी तक किसी भी फर्म ने कोठी क्षेत्र के टेण्डर को लेने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इस कारण परिषद ने दोबारा टेण्डर को दो टुकड़ों में जारी किया है। जिसमें एक 8 नालों का टेण्डर 16 लाख तो दूसरा 7 नालों की टेण्डर 24 लाख में जारी किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यही जोन सबसे ज्यादा जलभराव वाला क्षेत्र भी है, जहां नालों की सालों से सफाई नहीं हुई है।
दो कच्चे नालों का कराया निर्माण पिछले वर्ष जलभराव से सीख लेते हुए नगर परिषद ने इस बार जलनिकासी को दो जगह कच्चे नालों का निर्माण कराया है। जिसमें एक नाला गौशाला क्षेत्र की पुलिया से ओंडेला ताल तक जाएगा तो दूसरा नाला छीतरिया ताल से मचकुण्ड रोड होते हुए चम्बल को निकलेगा। इन नालों से मानसून के दौरान भरने वाले पानी को निकालने के लिए मदद मिलेगी। जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
जलनिकासी को चार नवीन पक्के नाले बनेंगे शहर की जलनिकासी को दुरुस्त करने नगर परिषद चार नवीन पक्के आरसीसी के नालों का निर्माण भी करेगा। जिनके लिए टेण्डर जारी कर दिए गए हैं। इन नालों में राजाखेड़ा बाइपास से गडऱपुरा पुलिया तक 700 मीटर, नर्सरी बउंड्री से लेकर अरेला मैरिज होम तक 320 मीटर और हुण्डावाल क्षेत्र से गौशाला रेलवे लाइन पुलिया तक दो पक्के नालों का निर्माण कराया जाएगा। जिसको लेकर परिषद ने टेण्डर भी जारी कर दिए हैं।
तीनों क्षेत्रों का ठेका एक ही कॉन्ट्रेक्टर को तीनों क्षेत्र पुराना शहर, गुलाब बाग और जिरोली का टेण्डर एक ही शर्मा कॉन्ट्रेक्टर के पास है। जिसमें शहर क्षेत्र के 8 नालों का टेण्डर 20 लाख17 हजार 12 रुपए, गुलाब बाग क्षेत्र के6 नालों का टेण्डर 27 लाख 22 हजार 574 रुपए और जिरौली क्षेत्र के4 नालों का टेण्डर 12 लाख 77 हजार 401 में हुआ है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष मानसून के दौरान शहर का हर क्षेत्र तालाब में तब्दील हो गया था।
शहर के नालों की सफाई कराई जा रही है। रविवार को आरएसी और काली माता रोड पर नालों से सिल्ट निकाली गई। जलनिकासी को बेहतर बनाने चार नए नालों का निर्माण किया जाएगा। जिसके टेण्डर जारी कर दिए गए हैं।
-गुमान सिंह सैनी, एक्सईएन नगर परिषद