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अब राजाखेड़ा तहसील भी ऑनलाइन

धौलपुर. अब जिले में राजाखेड़ा तहसील भी ऑनलाइन हो गई है। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि माह सितम्बर से पूर्व जिले में केवल दो ही तहसीलें बसेड़ी व सरमथुरा ही ऑनलाइन हुई थी। कार्य की धीमी गति चिंता का विषय था। साथ ही शेष 5 तहसीलों को शीघ्रतिशीघ्र ऑनलाइन करने को लेकर चिंता हुई।

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अब राजाखेड़ा तहसील भी ऑनलाइन

अब राजाखेड़ा तहसील भी ऑनलाइन

धौलपुर. अब जिले में राजाखेड़ा तहसील भी ऑनलाइन हो गई है। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि माह सितम्बर से पूर्व जिले में केवल दो ही तहसीलें बसेड़ी व सरमथुरा ही ऑनलाइन हुई थी। कार्य की धीमी गति चिंता का विषय था। साथ ही शेष 5 तहसीलों को शीघ्रतिशीघ्र ऑनलाइन करने को लेकर चिंता हुई। इस पर विचार कर विस्तृत कार्ययोजना के तहत डीआईएलआरएमपी कार्य प्रारम्भ कर दिया। इसके कार्य के लिए सर्वप्रथम सभी राजस्व टीम की लगातार मीटिंग आयोजित की। जहां किसी को कार्य में व्यवधान उत्पन्न होने पर स्वयं उस समस्या का समाधान किया। इसके लिए प्रत्येक पटवारी एवं भू अभिलेख निरीक्षक से सम्पर्क स्थापित किया। इसके साथ ही समय समय पर जिला कार्यालय की टीम गठित कर उनकी समस्या समाधान के लिए उनकी तहसील में भिजवाया गया। सबसे पहले तहसील सैंपऊ को दिसम्बर 2019 में ऑनलाइन करवाया गया। साथ ही शेष रही सभी पंचायतों को भी ऑनलाइन करवाने का लक्ष्य रखा गया। जब जिले के साथ सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी महामारी से जुझ रहा था। उस समय भी राजस्व विभाग द्वारा हार न मानते हुए न केवल कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण के लिए प्रयास किए, बल्कि पूर्व विचार बध्य राजस्व कार्यों की गति को भी कम नहीं होने दिया। चौथी तहसील के रूप में तहसील राजाखेड़ा मई 2020 को भी ऑनलाइन करवा दिया। जिले में एक मात्र तहसील बाड़ी ही ऑनलाइन शेष है। जिसको ऑनलाइन करवाने के प्रयास जारी है। जिसे शीघ्रातिशीघ्र करवा दिया जाएगा। इस सम्पूर्ण कार्य योजना का लाभ न केवल राजस्व विभाग को अपितु समस्त जिले के कृषकों को प्राप्त होगा।

यह होगा लाभ

अब कृषकों को अपने राजस्व सम्बंधी कार्य के लिए दर दर नहीं भटकना पड़ेगा। फिर चाहे उनके वर्षों पुराने नामान्तरण कार्य हो या फिर अपने रिकार्ड की जानकारी प्राप्त करना हो। अब सभी कार्य ऑनलाइन ही संपादित किए जाएंगे। जिसकी जानकारी कृषकों को उनके मोबाइल नम्बर एवं ई मेल के माध्यम से प्राप्त होगी। कृषक स्वयं भी अपने घर बैठे एक क्लिक के माध्यम से अपने रिकॉर्ड की सम्पूर्ण जानकारी मय खसरा नक्शा सहित प्राप्त कर सकेंगे।

डीआईएलआरएमपी योजना के लाभ

नामान्तरण दर्ज करने की कार्यवाही मैन्यूल न होकर ऑनलाइन ही संपादित की जाएगी। जिसकी नियमित समीक्षा जिला स्तर एवं उच्च स्तर से की जा सकेगी। कृषक स्वयं भी राजस्व मंडल राजस्थान, अजमेर की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते है। जिसकी जानकारी उनके द्वारा दर्ज मोबाइल नम्बर व ई मेल के माध्यम से प्राप्त होगी। इसके साथ ही विभाजन के नामान्तकरणों में अब तरमीम की कार्यवाही साथ ही संपादित होगी। जिसे जिले में किसी भी कृषक को वर्षों तक लम्बित रहने वाली तरमीम जैसी समस्या का सामना नही करना पड़ेगा। कृषक चाहे तो स्वयं भी घर बैठे अपने मोबाइल एवं लैपटॉप या डैक्सटॉप के माध्यम से किसी भी खेत की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेगा। खेत की प्रतिलिपी में अब प्रत्येक कृषक का हिस्सा उसकी जाति, निवास के साथ पृथक पृथक रूप से लिखा प्राप्त होगा। जिसका अवलोकन वह स्वयं भी सरलतापूर्वक कर सकेगा।